अयोध्या राम मंदिर की चर्चा एक बार फिर से सियासी गलियारों में शुरू हो गई है। जब से केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर के उद्घाटन की तारीखों का ऐलान किया है तभी से इसे लेकर खुब सियासत हो रही है। दरअसल एक वक्त था जब भाजपा ये नारा लगाया करती थी कि “राम जी हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे।” उस वक्त इस नारे के काउंटर में भाजपा के विरोधी राजनीतिक दल “मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे” का नारा लगते थे और भाजपा पर तंज कसते थे।
बाद में कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण हो रहा है। अब ऐसा समय आ गया है जब भाजपा ये भी बता रही है कि मंदिर का उद्घाटन कब होगा। जिसे लेकर भी बयानबाजी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने मंदिर निर्माण वाली जमीन को नफरत के जमीन बता दिया है।
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अमित शाह पर सवालों की बौछार
दरअसल केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है की 1 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन होगा। इसे लेकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अमित शाह पर कई सवाल दागे। उन्होंने कहा कि हम सभी राम में विश्वास करते हैं वो हमारे हृदय में वास करते हैं। जगदानंद सिंह ने कहा कि श्री राम ना तो अयोध्या में है और ना ही लंका में बल्कि श्री राम सेबारी की कुटिया में आज भी मौजूद है।
जगदानंद सिंह ने अमित शाह से सवाल करते हुए हुए कहा कि क्या अब श्री राम लोगों के दिलों में से हटकर क्या मंदिरों में बैठेंगे? क्या श्री राम रामायण लोगों के दिलों में से और रामायण में से भाग जाएंगे? क्या भारत श्री राम का नहीं रहेगा अब सिर्फ मंदिर ही राम का रहेंगे? साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नफरत वाली जमीन पर मंदिर का निर्माण हो रहा है। अब इस देश में इंसानियत नहीं बची है। अब सिर्फ उन्मादियों के राम ही भारत में रहेंगे।
राम को कैद नहीं किया जा सकता
जगदानंद सिंह ने आगे कहा कि भारत में यही मान्यता है कि राम सभी के दिलों में हैं। राम भारत के कण-कण में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में राम को लोगों के दिलों में से छीन कर सिर्फ पत्थरों के आलीशान भवन में बैठाया नहीं जा सकता राम कभी भी कैद नहीं हुए हैं। भारत के राम भारत में ही रहेंगे RSS वालों के राम कहीं भी जा सकते हैं।