पटना : सहकारी समितियां आय के उच्च स्तर और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार को बढ़ावा देने में कारगर भूमिका अदा कर सकती हैं। देश के सभी 750 जिलों के 75 फीसदी से अधिक गांवों और बस्तियों तक सहकारी समितियों की पहुंच है। जीवंत सहकारी आंदोलन और ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को सच में बदलने के लिए सहकारी समितियों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति का निर्माण बेहद जरूरी है। अगले 3 से 5 वर्षों में देश के सभी जिलों में नए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) की स्थापना होनी चाहिए। सहकारिता के उत्थान के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू की गईं नीतियां और कार्यक्रम स्वागतयोग्य हैं। सहकारिता के बूते ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। अमृतसर में आयोजित सहकार भारती के 8वें राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित चार प्रस्तावों के ये प्रमुख बिन्दू रहे।
यह जानकारी गुरुवार को दीप नारायण सिंह संस्थान में हुई प्रेस वार्ता में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रामदयाल सिंह और महामंत्री शशिबाला रावल ने दी। दोनों ने बताया कि 6 से 8 दिसम्बर तक आयोजित तीन दिवसीय अधिवेशन का औपचारिक उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सहकार भारती के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पाचपोर ने कार्यकर्ताओं को संगठन को सशक्त करने का मंत्र दिया।
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वक्ताओं ने सहकारिता में व्याप्त भ्रष्टाचार व परिवारवाद के उन्मूलन और संस्कार आधारित सहकारिता पर ज़ोर दिया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सहकार भारती की स्मारिका का विमोचन किया। अधिवेशन में देश भर से आए 2500 से अधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की। अधिवेशन के दौरान महाराष्ट्र के डॉ. उदय जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा बिहार के दीपक चौरसिया को सर्वसम्मति से अगले तीन साल के लिए राष्ट्रीय महामंत्री चुना गया। उर्वरक के क्षेत्र में अनुसंधान व विशिष्ट योगदान के लिए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदयशंकर अवस्थी को फर्टिलाइजर मैन ऑफ इंडिया के सम्मान से नवाजा गया।
2025 तक हर प्रखंड में पांच एफपीओ
प्रेस वार्ता में दोनों नेताओं ने बताया कि बिना संस्कार नहीं सहकार, बिना सहकार नहीं उद्धार के मूल मंत्र के साथ सहकार भारती की प्रदेश इकाई ने अगले साल के अंत तक हर प्रखंड में कम से कम पांच एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) गठित करने का लक्ष्य रखा है। जो काम पैक्स नहीं कर सकेंगे, उन्हें एफपीओ पूरा करेंगे। इसके अलावा महिला दूध उत्पादक सहकारी समिति, मखाना किसान उत्पादक सहकारी समिति, मत्स्य उत्पादक सहकारी समिति, सब्जी कोऑपरेटिव, मशरूम कोऑपरेटिव, जिलावार क्रेडिट कोऑपरेटिव का निर्माण किया जाएगा।
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आय में वृद्धि के लिए महिलाओं और छोटे किसानों को प्रशिक्षण देने और उनके उत्पादों को बाजार में बेचने की व्यवस्था कराने की भी योजना है। सहकारिता के क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताओं को समाप्त करने की दिशा में भी संगठन पूरी ईमानदारी से काम कर रहा है। इस दौरान प्रदेश टीम की ओर से सहकार भारती के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री दीपक चौरसिया को भूमि विकास बैंक का नामित निदेशक बनाए जाने पर शुभकामनाएं प्रेषित की गईं। प्रेस वार्ता में सह संगठन प्रमुख रौशन कुमार रौनक के अलावा अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।