दाखिल-खारिज में अब सीओ की मनमानी नहीं चलने वाली है दाखिल खारिज का आवेदन में अब छोटे-मोटे खामियां निकाल कर अस्वीकृत नहीं कर सकते हैं। इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम को पत्र लिखा है और सख्ती से आदेश का पालन करने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि बिना सुनवाई किए कोई अंचलाधिकारी या राजस्व अधिकारी सिर्फ कारण लिखकर इसे अस्वीकृत नहीं कर सकते।
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बिना किसी ठोस कारण के आवेदन नहीं होगा अस्वीकृत
आदेश में कहा गया है कि दाखिल-खारिज का आवेदन अगर एक बार अस्वीकृत हो जाता है तो आवेदक को इसकी अपील भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में करनी पड़ती है। जबकि कई बार कोई दस्तावेज अपठनीय रहने का प्रासंगिक दस्तावेज छूट जाने के कारण भई आवेदन में आपत्तियां लगाई जा सकती हैं। यानि छोटे-मोटे या बिना किसी ठोस कारण के आवेदन को अस्वीकृत नहीं करेंगे।
सीओ करते थे दाखिल-खारिज के आवेदन में मनमानी
ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि अंचल स्तरीय अधिकारी बिना आवेदक का पक्ष जाने आपत्ति लगा कर आवेदन अस्वीकृत कर देते है जबकि यह आवश्यक है कि किसी भी मामले में अस्वीकृत से पहले संबंधित याचिकाकर्ता को आपत्ति की सूचना देते हुए उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दें।