भोजपुर के चर्चित विशेश्वर ओझा हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। एडीजे 8 की कोर्ट ने नामजद मुख्य आरोपी हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्र को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों के ऊपर 85-85 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं अन्य पांच दोषियों को 10 साल एवं 35–35 हजार रुपए की आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। ओझा की हत्या से प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया था। इस कांड में राजनाथ ओझा के बयान पर शाहपुर थाना कांड संख्या- 48/2016 अंकित किया गया था। जिसमें कुल सात नामजद एवं तीन-चार अन्य अज्ञात का जिक्र किया गया था। पुलिस ने अपनी जांच के बाद कुल 13 अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में 2 आरोप पत्र समर्पित किये थे। विशेश्वर ओझा हत्याकांड में कुल 10 गवाह की गवाही अभियोजन की ओर से कराई गई।
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2016 में हुई थी विशेश्वर ओझा की ह’त्या
मामला 8 साल पुराना है। 12 फरवरी, 2016 की शाम भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा अपनी सफारी गाड़ी से ड्राइवर राकेश कुमार ओझा और चार अन्य समर्थकों के साथ बभनौली निवासी चंदेश्वर उपाध्याय के भतीजे की बारात में सम्मिलित होने परसोंडा टोला स्थित मृत्युंजय मिश्रा के यहां आए थे। वहां से एक दूसरी गाड़ी उनके काफिले में शामिल हो गई। विशेश्वर ओझा के घर लौटने के दौरान सोनबरसा मैदान में मिश्रा बंधुओ ने अपने सहयोगियों के साथ उनकी गाड़ी को रोक लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में विशेश्वर ओझा एवं उनके ड्राइवर राकेश कुमार ओझा को गोली लगी थी। अस्पताल ले पहुँचने पर डॉक्टरों ने विशेश्वर ओझा को मृत घोषित कर दिया था।
इस मामले में बीते 9 अप्रैल को कोर्ट ने नामजद अभियुक्त ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा समेत सात आरोपियों उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, बसंत मिश्रा, हरेंद्र सिंह, पप्पू सिंह को दोषी करार दिया था जबकि साक्ष्य के अभाव में 6 आरोपियों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था। ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा सगे भाई हैं। कोर्ट ने उन्हें इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला करार दिया था। दोनों ने अपने साथियों के साथ मिलकार भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा को गोलियों से भून दिया गया था।