वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन से उतारने पर कटिहार के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र से माले विधायक महबूब आलम RPF इंस्पेक्टर से भिड़ गए। जानकारी के अनुसार बुधवार की रात लगभग 10:30 बजे कटिहार के बारसोई स्टेशन पर बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र के यात्री नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ने के लिए आए हुए थे। ट्रेन आते ही यात्री वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर कोच में चढ़ ही रहे थे कि आरपीएफ इंस्पेक्टर अपने सुरक्षा बलो के साथ कुछ यात्रियों को स्लीपर कोच में चढ़ने से रोक दिया।
जिस पर यात्री उनसे पूछे कि मेरे पास वेटिंग टिकट है तो आप क्यों रोक रहे हैं। यात्री के इस सवाल पर इंस्पेक्टर ने बताया कि रेलवे बोर्ड का गाइडलाइन आया है कि वेटिंग टिकट लेकर आप स्लीपर कोच में यात्रा नहीं कर सकते हैं। फिर क्या था इसी बीच यात्रियों ने अपने विधानसभा क्षेत्र के विधायक महबूब आलम को फोन कर दिया।
नीट पेपर लीक 2024: सीबीआई जांच में तेजी, हजारीबाग से आरोपियों को पटना लाया गया
सूचना मिलते ही विधायक महबूब आलम बारसोई रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। उन्होंने आव देखा ना ताव विधायक जी ने आरपीएफ इंस्पेक्टर पर जमकर बरसे। विधायक जी ने उनसे रेलवे की इस कमियों को लेकर सवाल करते हुए पूछा कि जब रेलवे बोर्ड ने नया गाइडलाइन लागू किया है तो वेटिंग टिकट ही नहीं देना चाहिए। जब रेलवे यात्रियों को सुविधा नहीं दे पा रही है तो वेटिंग टिकट क्यों देती है? इसी बात को लेकर विधायक जी और आरपीएफ इंस्पेक्टर के बीच प्लेटफार्म पर जमकर बहस शुरू हो गई।
दरअसल, विगत तीन-चार दिनों से ट्रेनों की स्लीपर काेच से वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को उतार दिया जा रहा है। इसे लेकर यात्रियों में आक्रोश देखा जा रहा है। उनका कहना है कि यदि किसी यात्री के परिवार में पांच सदस्य हैं और उनमें से तीन का टिकट कन्फर्म, तो दो लोगों को ट्रेन से उतार दिये जाने पर वे कैसे सफर करेंगे। जबकि वेटिंग लिस्ट वालों से भी उतना ही किराया लिया जा रहा है, जितना कन्फर्म टिकट वालों से लिया जा रहा है। यदि रेलवे ने ऐसा नियम बनाया है, तो वेटिंग टिकट देना ही नहीं चाहिए था अथवा टिकट कन्फर्म करने के लिए कोच की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा न कर रेलवे की ओर से मनमानी की जा रही है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आम चुनाव में प्रचार के दौरान कहा था कि आगामी पांच वर्षों में रेलवे में वेटिंग लिस्ट का सिलसिला खत्म हाे जायेगा। रेलवे की ओर से इस व्यवस्था को लेकर काम किया जा रहा है। लेकिन केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनने के चंद दिनों के बाद ट्रेनों के स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट लेकर अपने सहयात्री अथवा अन्य किसी यात्री के साथ एडजस्ट कर सफर करनेवाले ऐसे यात्रियों पर गाज गिरनी शुरू हो गयी है।