बिहार में साइबर फ्रॉड (ऑनलाइन धोखाधड़ी) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 39 महीने में 400 करोड़ रुपये से अधिक के साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज की गई है। हालांकि, फ्रॉड की गई राशि की वापसी की स्थिति निराशाजनक है।
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से हो रही निगरानी
साइबर फ्रॉड संबंधित मामलों की निगरानी को लेकर केंद्र सरकार ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) तैयार किया है. इओयू ने जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों की समीक्षा करते हुए विभिन्न मानकों के अनुरूप बिहार के सभी जिलों की रैंकिंग का निर्धारण किया है. इसमें ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतों के विरुद्ध विभिन्न मापदंडों पर समेकित रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन कर नालंदा प्रथम स्थान पर रहा. उसके बाद क्रमश: पटना, सहरसा, औरंगाबाद और गोपालगंज का स्थान है.
- शिकायतें: 70,166 शिकायतें दर्ज
- नुकसान: 400 करोड़ रुपये से अधिक
- वापसी: 42.12 करोड़ रुपये (10.55%)
- तकनीकी बाधा: राशि वापसी में मुख्य बाधा
- एनसीआरपी: साइबर अपराधों की निगरानी के लिए केंद्र का पोर्टल
रैंकिंग: इओयू ने शिकायतों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किये जाने, अपराधियों की गिरफ्तारी और होल्ड राशि पीड़ित को वापस लौटाने के आधार पर तीन अलग-अलग रैंकिंग तैयार की है. एफआइआर दर्ज करने के मामले में टॉप पांच जिलों में सारण प्रथम स्थान पर रहा.
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: नालंदा (शिकायतें, एफआईआर, गिरफ्तारी, रिफंड)
- फिर क्रमशः: पटना, सहरसा, औरंगाबाद, गोपालगंज
- एफआईआर: सारण, नालंदा, शेखपुरा, गोपालगंज, गया
- गिरफ्तारी: नालंदा, सीतामढ़ी, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद
- रिफंड: औरंगाबाद, नालंदा, लखीसराय, जहानाबाद, अररिया
- साइबर थाने: 44 (राज्य सरकार द्वारा स्थापित)
- निर्देश: सभी पुलिस थानों को साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज करने के लिए निर्देशित किया गया है
साइबर अपराध एक गंभीर समस्या है और बिहार में इसकी वजह से भारी नुकसान हो रहा है। सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, फ्रॉड की गई राशि की वापसी में सुधार की आवश्यकता है। जनता को भी सावधान रहने और ऑनलाइन लेनदेन करते समय सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।