नालंदा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर ठगी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने यूट्यूब से ठगी का तरीका सीखा था और फर्जी लॉटरी और लोन के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने इनके पास से 36 लाख 78 हजार 155 रुपये, 15 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, तीन सिम कार्ड, सोने-चांदी के आभूषण और एक मोटरसाइकिल बरामद की है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दो भाई भी शामिल हैं। ये लोग फर्जी वेबसाइट बनाकर और सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन देकर लोगों को ठगते थे। वे केरला लॉटरी के नाम पर फर्जी लॉटरी का ऑफर देते थे और लोगों से पैसे ले लेते थे। इसके अलावा वे लोन दिलाने के नाम पर भी लोगों को ठगते थे।
पुलिस ने कैसे पकड़ा
नालंदा के एसपी भारत सोनी ने बताया कि ये अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर फर्जी लॉटरी और लोन के विज्ञापन चलाकर भोले-भाले लोगों को ठगते थे। लॉटरी के नाम पर यह लोगों को एक वेबसाइट के जरिए जोड़ते और पैसा जमा करवाते थे। इसके अलावा, लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी ये बड़ी रकम वसूलते थे। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध रोकने के लिए प्रिवेंटेटिव रेट और पोर्टल के जरिए प्राप्त मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया गया, जिससे इस गिरोह का पता चला। इन अपराधियों ने केरला लॉटरी और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म पर फर्जी लिंक का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने की योजना बनाई थी।
पुलिस ने इस गिरोह के नेटवर्क को समझाते हुए कहा कि यह एक कमीशन-बेस्ड सिस्टम पर काम करता था। इसमें कुछ लोग कस्टमर्स से बात करते थे, कुछ अकाउंट्स संभालते थे, और कुछ लोग पैसे निकालने का काम करते थे। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ साइबर थाना में केस दर्ज किया गया है, और उनके उपकरणों की फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल को भेजा जाएगा।
पप्पू यादव को धमकी देने वाले आरोपी का पुलिस के सामने कुबूलनामा… सांसद के करीबी का नाम आया सामने
एसपी ने बताया कि पुलिस अन्य राज्यों के साथ समन्वय बनाकर जांच कर रही है, क्योंकि इस गिरोह के खिलाफ कई राज्यों में भी शिकायतें दर्ज हैं। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट इलाकों में पुलिस द्वारा आगे भी अभियान जारी रहेगा।