खान एवं भूतत्व विभाग ने बिहार के सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बंदोबस्त किए गए बालू घाटों को जल्द से जल्द संचालन के लायक बनाया जाए। हालांकि, इस दिशा में प्रगति काफी धीमी रही है। 22 जुलाई तक 13 जिलों में 610 बालू घाटों में से 291 की नीलामी हो चुकी है और 168 को पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, फिर भी केवल 131 घाट ही संचालित हो पा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, विभाग ने 13 जिलों के लगभग 319 घाटों की नीलामी प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। इनमें से सबसे अधिक 135 घाट पटना जिले में हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक बालू घाटों को चालू करना है ताकि आम लोगों को किफायती दर पर बालू उपलब्ध हो सके और सरकार को राजस्व में वृद्धि हो सके।
महत्वपूर्ण निर्देश:
- बालू ढोने वाले वाहनों पर जीपीएस अनिवार्य।
- वाहनों पर लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी पर वाहन का पंजीकरण नंबर लिखना अनिवार्य।
- बंदोबस्तधारी को हर 15 दिन में बालू के भंडार की जानकारी विभाग को देनी होगी।
मुख्य मुद्दे:
- बालू घाटों को संचालन के लायक बनाने में देरी।
- मुंगेर और बक्सर जिलों में अभी तक एक भी घाट से खनन शुरू नहीं हुआ।
- 15 अक्टूबर तक एनजीटी के आदेश के तहत बालू खनन बंद रहने की स्थिति।