बिहार एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां आए दिन सरकार की नीतियों के विरोध में कोई ना कोई प्रदर्शन होता रहता है। राजधानी पटना की सड़कों पर सरकार की नीतियों के विरोध में नारे लगते हैं। फिर नारा लगाने वालों और प्रदर्शन करने वालों को पुलिस की लाठियां लगती है। मतलब सरकारी नीतियों का विरोध, प्रदर्शन, पुलिस की लाठियां बिहार के लोगों की नियति बनती जा रही है। शिक्षक बहाली वाले मामले को लेकर पटना की सड़के कई बार प्रदर्शनकारियों के नारों और पुलिस की लाठी से गूंजी। जब वे शांत पड़ते है तो सरकार की कोई नीति उन्हें फिर सड़क पर खिंच लाती है। जैसा की डोमिसाइल हटाने के बाद हुआ। वही अब पटना के सड़कों पर किसान सलाहकार प्रदर्शन को उतरे जिनपर भी पुलिस की लाठियां जमकर बरसी।
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किसान सलाहकारों पर लाठीचार्ज
दरअसल किसान सलाहकारों अपनी मांगों को लेकर पटना की सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरे। उन्होंने बिहार सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। उनलोगों का कहना है कि पिछले 13 साल से बिहार सरकार हमलोगों को ठगने का काम कर रही है। हमलोगों को जनसेवक का दर्जा दिया जाए। अपनी इसी मांग को लेकर उनलोगों ने मार्च निकाला। वे सभी विधानसभा तक जाना चाहते थे। चूंकि अभी बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र चल रहा है इसलिए उसके आस-पास के इलाके में धारा 144 लागु है। यही कारण है कि पुलिस ने किसान सलाहकारों की भीड़ को रोकने का इंतेजाम कर रखा था। पहले प्रदर्शन कर रहे किसान सलाहकारों को पीछे हटाने के लिए कहा गया। लेकिन जैसे ही वे आर ब्लाक की तरफ बढ़ने लगे पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया।