सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई अतिपिछड़ा आयोग को डेडिकेटेड आयोग मानने से इनकार कर दिया था। वहीं राज्य सरकर को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया था। जिसके बाद नगर निकाय चुनाव का टलना तय था। पर दूसरी ओर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया। अब ऐसे में सवाल ये है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने अतिपिछड़ा आयोग को डेडिकेटेड आयोग मानने से इनकार कर दिया तब भला चुनाव कैसे होगा? मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सुनील कुमार एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। वो कोर्ट में चुनाव की तारीखों के ऐलान के खिलाफ तत्काल सुनवाई करने की याचिका दाखिल कर सकते है। यदि कोर्ट सुनवाई करने को राजी हो जाता है तो तय तारीखों पर नहीं हो पाएगा।
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पहले हाईकोर्ट ने लगाया रोक
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में तीन जांच की अर्हता निर्धारित की थी। जिसमें पहला ओबीसी के पिछड़ापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने का था। दूसरा आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करना था। वहीं तीसरा एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा को नहीं पार करें इसको सुनिश्चित करना था। पर बिहार नगर निकाय चुनाव में ये सुप्रीम कोर्ट के निर्देनासुनर चुनाव ना कराए जाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दिया था।
हाईकोर्ट माना तो सुप्रीम कोर्ट में अटका मामला
हाईकोर्ट द्वारा निकाय चुनाव पर रोक लगाए जाने के बाद राज्य सरकार अतिपिछड़ा आयोग का गठन कर जांच करने की बात कही। जिसको हाईकोर्ट द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। पर सुनील कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई और हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई। याचिका में अतिपिछड़ा आयोग से रिपोर्ट तैयार करने को सही नहीं कहा गया है। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर राज्य सरकार को जवाब देने के लिए कहा है। इसके लिए कोर्ट ने राज्य सरकार को 4 सप्ताह का समय दिया है।
तारीखों का ऐलान
सुप्रीम कोर्ट के सवाल उठाए जाने के बाद बीते दिन को 30 नवंबर को निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया। जारी अधिसूचना के अनुसार चुनाव कुल दो चरणों में होना है। पहले चरण का मतदान 18 दिसंबर को होगा वही मतगणना 20 दिसंबर को होना है। वही दूसरे चरण के लिए मतदान 28 दिसंबर को होगा, वही मतगणना के लिए 30 दिसंबर की तारीख तय कर दी गई है। पर अभी भी ये इस बात पर आशंका बरक़रार है कि निर्धारित तारीख पर चुनाव होगी या नहीं। कोयिकी यदि याचिकर्ता द्वारा फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई तो मामला अटकना तय है।