सरकारी स्तर पर दहेज उन्मूलन के लिए अभियान चलाने के बाद भी बिहार में दहेज की घटनाएं कम नहीं हो रहीं। साल 2023 की जनवरी से दिसंबर में गोपालगंज में सबसे अधिक केस आए। जिले में 210 महिलाओं को दहेज के लिए घर से निकाला गया। 23 महिलाओं की दहेज के लिए हत्या की की गई।
23 महिलाओं की हत्या
आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक 23 महिलाओं को दहेज की बलि बेदी पर चढ़ा दिया गया। 19 महिलाओं को ससुराल के लोगों ने जलाने की कोशिश की। साल 2023 में भरण-पोषण के 245 मामले परिवार न्यायालय में दाखिल हुए। वाद दाखिल कर प्रताड़ित कर घर से निकाली गई महिलाओं ने न्यायालय से भरण-पोषण के लिए पति से गुजारा भत्ता दिलाने की गुहार लगाई।
मध्यस्थता केंद्र में मिलाप
दहेज या महिला उत्पीड़न को लेकर दाखिल मामले समाप्त भी हुए। साल 2023 के दौरान महिला उत्पीड़न के 35 मामलों में मध्यस्थता केंद्र से पति-पत्नी के विवाद का समाधान किया गया। दंपति ने गिले-शिकवे को समाप्त कर साथ रहने पर सहमति जताई।
महिला हेल्पलाइन में दर्जनों मामले दर्ज
महिला हेल्पलाइन में भी महिला उत्पीड़न के दर्जनों मामले सामने आए। इनमें अधिकांश मामलों में पक्षकारों को नोटिस कर हेल्पलाइन द्वारा विवाद का निराकरण करने का प्रयास किया गया, जबकि कुछ विवादों का समाधान हेल्पलाइन में नहीं हो सका।
दहेज का दंश नहीं कम हो रहा
साल 2019 में सरकार ने दहेज पर रोक लगाने के लिए अभियान शुरू किया था। अभियान का उद्देश्य आम लोगों में जागरुकता लाना है। इसको लेकर हर साल कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को बाल विवाह व दहेज उत्पीड़न पर रोकथाम के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद यहां दहेज का दंश कम होता नहीं दिख रहा है।