बराबर पहाड़ी मंदिर में हादसे के बाद जहानाबाद पहुंचे। जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने यहां पार्टी नेताओं और अधिकारियों से बात की। बाणावर स्थित सर्किट हाउस में उन्होंने घटना के बारे में बताया कि भगदड़ हुई है, जिसमें कहीं ना कहीं प्रशासन की कमी जरूर है। जीतन राम मांझी ने कहा कि पहले जितने श्रद्धालु आते थे, उससे 9 गुनी संख्या बढ़ गई है। ऐसे में प्रशासन को व्यवस्था भी उसी तरह से करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि मंदिर के पास जो हादसा हुआ है वह किसी विद्वेष या और वजह से नहीं हुआ है। यह सिर्फ इत्तेफाक ही है कि उस दिन घटना हो गई।
इस मौके पर जीतन राम मांझी ने कहा कि बोधगया, विष्णुपद तथा राजगीर कॉरिडोर में बराबर को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिर से बात करेंगे। 2014 में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने रोपवे निर्माण को लेकर प्रयास शुरू किया था। इसको लेकर 13 करोड़ रूपया निर्गत भी किया गया था। लेकिन अभी तक वह काम अधूरा है। अगर रोपवे होता तो ज्यादातर श्रद्धालु इस से ऊपर आते और जाते ऐसे में घटना की संभावना कम हो जाती। मांझी ने कहा कि अब रोपवे की लागत 21 करोड़ रुपये है और काम चल रहा है। लेकिन प्रशासन और सरकार को ध्यान यह देना चाहिए कि यह जितनी जल्दी संभव हो पूरा हो जाए।
जीतन राम मांझी ने मंदिर और आसपास की सुविधा को लेकर पर्यटन सचिव और मुख्य सचिव के साथ ही डीएम और एसपी से भी फोन पर बातचीत की। घटना के बारे में सभी अधिकारियों को जानकारी दी और कमियों को दुरुस्त करने को कहा। जीतन मांझी ने संचार व्यवस्था की कमी को लेकर मांग की है कि कम से कम बीएसएनल का टावर यहां पर होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंदिर में जाने के लिए तीन रास्ते हैं जहां पर पुलिस की व्यवस्था होनी चाहिए। पुलिस और प्रशासन की नासमझी की वजह से यह घटना हुई है। उन्होंने कहा कि कम से कम मेला के समय में एक अस्पताल की व्यवस्था यहां जरूर होनी चाहिए।
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पर्यटन विभाग द्वारा नए भवन का निर्माण किया गया है। लेकिन वह अभी तक बंद पड़ा है यह भी अफसोस की बात है। आने वाले समय में मंदिर में और भी ज्यादा भीड़ होगी, ऐसे में इन चीजों को देखते हुए यहां व्यवस्था भी सुदृढ़ करनी होगी। मांझी ने कहा कि लिखित में सारी बातों को वह सरकार को देंगे। जीतन राम मांझी ने चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री से जो मांग की थी उसको एक बार फिर दोहराया, जीतन राम मांझी ने कहा कि बोधगया-विष्णुपद होते हुए राजगीर कॉरिडोर को बाणावर से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।