बारिश के साथ-साथ बिहार में डेंगू का प्रकोप भी तेजी से बढ़ रहा है. पिछले 48 घंटों में ही राज्य में डेंगू के 20 नए मामले सामने आए हैं. चिंता की बात ये है कि इनमें से 13 मामले सिर्फ पटना जिले से हैं.
पटना में लगातार मिल रहे मरीज
पटना स्थित एनएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मंगलवार को जांच के लिए भेजे गए 14 सैंपलों में से 4 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रो. संजय कुमार के अनुसार पिछले पांच दिनों से लगातार डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों में पटना में ही 13 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 3 रविवार और 6 सोमवार को पाए गए. इनमें से कुछ मरीजों की जांच पीएमसीएच, एनएमसीएच और कुछ निजी पैथोलॉजी सेंटर्स में हुई है.
दूसरे जिलों में भी डेंगू का डंका
डेंगू का प्रकोप सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है. सोमवार को नालंदा जिले की एक 40 वर्षीय महिला और एक 40 वर्षीय पुरुष तथा पटना सदर के 65 वर्षीय व्यक्ति की जांच रिपोर्ट भी डेंगू पॉजिटिव आई है. इसी तरह पूर्णिया जिले में भी हाल ही में दो लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है. इन दोनों मरीजों की खास बात यह है कि उनकी कोई यात्रा इतिहास नहीं है. इन मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और पूर्णिया के जीएमसीएच में 10 बेड डेंगू मरीजों के लिए विशेष रूप से सुरक्षित रखे गए हैं.
बचाव और इलाज पर ध्यान दें
डेंगू एक मच्छर जनित रोग है जो एडीस मच्छर के काटने से फैलता है. इसके आम लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी और पूरे शरीर में दर्द शामिल हैं. डेंगू से बचाव के लिए घरों और आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखना, जलजमाव न होने देना, मच्छरदानी का प्रयोग करना और घरों में लगे एसी, कूलर और फ्रिज की ट्रे में पानी जमा न होने देना बहुत जरूरी है. अगर किसी को डेंगू हो जाता है तो ऐसे मरीज को आरामदायक स्थिति में रखना चाहिए और मच्छरदानी के अंदर सुलाना चाहिए. साथ ही उन्हें सुपाच्य भोजन और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ दें. ताजी सब्जियों का सूप, जूस, नींबू पानी, नारियल पानी, संतरा, चुकंदर, पपीता और उसकी पत्तियों का रस देना भी डेंगू के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है.