बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पथ निर्माण विभाग से बनी सड़कों के बेहतर रखरखाव का सख्त निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि बारिश के मौसम में पथ संधारण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि सड़कों के रखरखाव में लापरवाह पाये जाने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ठेकेदारों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से सड़कों का निर्माण करने का निर्देश दिया गया है।
विभागीय समीक्षा
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा राज्य उच्च पथ और वृह्त जिला पथ के संबंध में विभागीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत निर्मित पथों के बेहतर रखरखाव के लिए एक पूर्वनिर्धारित व्यवस्था है। इस संबंध में अभियंता प्रमुख सहित सभी मुख्य अभियंताओं ने उनके समक्ष एक प्रस्तुतीकरण दिया।
निरीक्षण की व्यवस्था
- कनीय अभियंता: सप्ताह में कम से कम एक बार स्थलीय निरीक्षण।
- सहायक अभियंता: 15 दिनों में एक बार निरीक्षण।
- कार्यपालक अभियंता: महीने में एक बार निरीक्षण।
- अधीक्षण अभियंता: एक तिहाई भाग का निरीक्षण अनिवार्य।
पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़कों को 11 अंचल और 48 प्रमंडलों में बांटा गया है। वर्तमान में अनुरक्षण की यह व्यवस्था 44 प्रमंडलों में लागू है। शेष चार प्रमंडलों में भी अनुरक्षण की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री का निर्देश
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के निरीक्षण की नियमित समीक्षा की जाएगी। उत्कृष्ट काम करने वाले पांच कनीय अभियंता, पांच सहायक अभियंता और पांच कार्यपालक अभियंता को डिजिटल माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही, कार्य के प्रति उदासीन अभियंताओं की पहचान कर नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्येक स्तर के अभियंताओं के स्थलीय निरीक्षण की जानकारी राज्य के आमजन को 15 अगस्त को उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे अपने आसपास की सड़कों की समस्याओं की जानकारी विभाग को ऑनलाइन सूचित कर सकेंगे