सुप्रीम कोर्ट में EWS आरक्षण की वैधता की चुनौती फिलहाल समाप्त हो गई है। पांच जजों की पीठ ने बहुमत से फैसला सुना दिया है। EWS आरक्षण बरकरार रहेगा। लेकिन इस आरक्षण का संसद से लेकर सड़क तक विरोध करने वाले राजद को यह फैसला सुहा नहीं रहा है। राजद की सहयोगी जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बिहार सरकार के नीति की जीत बताई है। तो राजद कोटे के मंत्री आलोक मेहता अलग ही सुर में गा रहे हैं।
EWS कोटे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जारी रहेगा आरक्षण
संसद में राजद ने किया था EWS का विरोध
सवर्ण आरक्षण को लेकर जो मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था, उसके खारिज होने के बाद भाजपा नेता सुशील मोदी का कहना है कि किस मुंह से राजद सवर्णों के बीच जाएगी। राजद ने संसद में सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था। इस पर बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता ने कहा संसद में राजद ने विरोध किया था। लेकिन शुरुआत में जो मांग की थी, वह सुशील मोदी को याद नहीं है। राजद में मांग किया था कि EWS में 8 लाख रुपए की सीमा ज्यादा है। इसमें हमने अमेंडमेंट की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजद हमेशा आर्थिक रूप से गरीब लोगों को न्याय देने के पक्ष में है। लेकिन मौजूदा सीमा में वह छूट जाएंगे, जो सच में गरीब है।
EWS में नई कैटेगरी की मांग
आलोक मेहता ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जिस सिद्धांत के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया था, हम उस सिद्धांत को मानने वाले लोग हैं। उन लोगों से पूछिए जो पिछड़ों के आरक्षण पर देह में आग लगा लेते थे। वह महिला आरक्षण को लेकर समर्थन में क्यों हैं? हमारी मांग है कि जिस परिवार का इनकम 1 लाख रुपए सालाना है, उसके लिए एक महागरीब की कैटेगरी बनाई जाए। आलोक मेहता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हम लोग हमेशा सम्मान करते हैं। उनके फैसले को हम सम्मान करते हैं।