वैसे तो वैलेंटाइन वीक चल रहा है। फरवरी को मोहब्बत वाला महीना माना जाता है। लेकिन यह फरवरी माह ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए डबल टेंशन लेकर आया है। सीएम की समाधान यात्रा अब अंतिम दौर में पहुंच रही है। इसके बाद वे विधानमंडल के बजट सत्र की तैयारी में जुटेंगे। तो दूसरी ओर नीतीश कुमार के लिए इस फरवरी महीने में डबल टेंशन तैयार है। इस टेंशन की शुरुआत उपेंद्र कुशवाहा करेंगे और आगे बढ़ाएंगे आरसीपी सिंह।
उपेंद्र कुशवाहा की बैठक 19 व 20 को
जदयू में जारी घमासान के बीच उपेंद्र कुशवाहा ने बतौर पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष दो दिन बैठक बुलाई है। हालांकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कह रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के किसी पद पर नहीं है। लेकिन कुशवाहा ने 19 और 20 फरवरी को पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में बैठक बुलाई है। वे कह रहे हैं कि पार्टी और नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए राजद से डील हुई है। इसी पर चर्चा होगी। वैसे हालात से साफ है कि इस बैठक में नीतीश कुमार के खिलाफ ही रणनीति बनेगी।
आरसीपी ने खोला मोर्चा, 26 से बदलाव रैली
वहीं जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अब तक बिना तय कार्यक्रमों के नीतीश कुमार पर वार कर रहे थे। अब वे 26 फरवरी से बदलाव रैली निकालने जा रहे हैं। इसका आगाज आरसीपी सिंह 26 फरवरी को नीतीश के गढ़ नालंदा से करेंगे। रैली की शुरुआत नालंदा के हिलसा प्रखंड से होगी। इस रैली में केवल सियासी नहीं बल्कि किसान, शिक्षा समेत अन्य मुद्दों पर बात होगी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन भी रैली करने जा रही है। बिहार की जनता ने साल 2020 में NDA को बहुमत दिया था लेकिन आज एनडीए को छोड़कर लोग महागठबंधन में आ गए हैं।