बिहार में भीषण गर्मी और लू से आम जान जीवन अस्त व्यस्त है। ऐसे में मांग उठ रही है कि स्कूलों का ग्रीष्मकालीन अवकाश जल्दी कर दिया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा गया है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह एवं तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद् सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा है कि शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) की संवेदनहीनता और हठधर्मिता के कारण शिक्षक और बच्चे मौत के मुंह में समा रहे हैं।
उन्होंने कहा की राज्य में भीषण लू एवं गर्म हवाएँ चलने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। इस संबंध में सरकार द्वारा हीटवेव से बचने के लिए हाई अलर्ट भी जारी किया गया है। किन्तु शिक्षा विभाग ऐसे हालात में भी शिक्षकों और मासूम बच्चों को ग्रीष्मावकाश के बावजूद स्कूल आने पर बाध्य कर रहा है और इन्हें दोपहरी की भीषण आग में मरने के लिए झोंक रहा है। इस बावत लगातार राज्य भर से शिक्षक और बच्चों की लू लगने से तबियत बिगड़ने तथा मौतों की खबरें आ रही हैं।
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शिक्षा विभाग की हठधर्मिता
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि महावीर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मटिहानी, मुजफ्फरपुर के शिक्षक डाॅ. अविनाश कुमार अमर की दो दिन पूर्व स्कूल से घर लौटने के दरम्यान लू लगने के कारण मृत्यु हो गयी। आपकी सरकार शिक्षकों और बच्चों के प्रति संवेदनशील है किन्तु शिक्षा विभाग की संवेदनहीनता और हठधर्मिता के कारण शिक्षक और बच्चे काल के गाल में समा रहे हैं। बेहतर होता कि गर्मियों में विद्यालय को प्रातःकालीन किया जाता, प्रधानाध्यापक को हर रोज बेवजह दूसरे विद्यालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जाने की बाध्यता खत्म की जाती और ग्रीष्मावकाश सहित सभी अवकाशों को पूर्ववत दिया जाता।
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शत्रुघ्न प्रसाद सिंह एवं प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा है कि राष्ट्र निर्माता दिवंगत शिक्षक डाॅ. अविनाश कुमार अमर की मौत से पूरा शिक्षक समाज मर्माहत है। उन्होंने कर्तव्यपथ पर शहीद होकर पूरे शिक्षक समाज को गौरवान्वित किया है। नेता द्वय ने मुख्यमंत्री से उनके आश्रितों के लिए यथाशीघ्र पचास लाख रुपये की सहायता राशि एवं सरकारी नौकरी देने की मांग की है।