बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनकी बेटी रोहिणी आचार्या की बांडिंग जगजाहिर है। लालू यादव को किडनी रोहिणी ने ही डोनेट की है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब रोहिणी की एक बात पर लालू यादव की आंखों में आंसू आ गए थे। इस वाकए के बारे में खुद रोहिणी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया है। रोहिणी ने बताया है कि उन्होंने जब लालू यादव को किडनी देने का फैसला बताया तो वे शांत पड़ गए। उनकी आंखों में आंसू आ गए और थोड़ी देर कुछ नहीं बोले। लेकिन जल्दी ही उन्होंने खुद को संभाला और कहा कि किसी को किडनी देने की जरुरत नहीं है। दवा पर ही सब ठीक हो जाएगा।
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किडनी के लिए राजी नहीं थे लालू
इंटरव्यू में रोहिणी ने बताया है कि लालू यादव को जैसे ही बताया कि वे उन्हें किडनी डोनेट करेंगी, वे भावुक हो गए। मान नहीं रहे थे कि उनकी बेटी उन्हें अपनी किडनी देकर कोई खतरा मोले। यह समझाना मुश्किल था लेकिन बाद में मान गए। रोहिणी ने बताया है कि मुझे पापा के अलावा बच्चों को भी समझाना था। पति समरेश सिंह को तो कोई परेशानी नहीं थी। वे शुरू से साथ थे। लेकिन बच्चों को समझाने में वक्त लगा। इंटरनेट पर एक किडनी पर रहा जा सकता है, इसके फैक्ट्स जानने के बाद बच्चों ने भी खुशी से एक्सेप्ट कर लिया।
‘सोच कर हर काम नहीं करती’
रोहिणी ने इंटरव्यू में बताया है कि मेरे लिए मेरा परिवार और बिहार दोनों महत्वपूर्ण है। दोनों को लेकर मैं ज्यादा सोचती नहीं, जो जरुरी होता है करती हूं। रोहिणी ने बताया है कि पापा को किडनी की जरुरत थी तो मैंने किडनी दी। यह भी कभी नहीं सोचा था। यह एक संयोग भी रहा। क्योंकि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मेरे दूसरे भाई-बहनों ने भी टेस्ट कराया, लेकिन डॉक्टरों ने मुझे ही फिट पाया। वहीं राजनीति में आने के सवाल रोहिणी ने सीधा जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा है कि राजनीति को लेकर कोई महत्वकांक्षा न थी, न है। लेकिन जहां भी रहूंगी, बिहार और बिहार के लोगों की पूरी मदद करूंगी।
‘विरोधियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दूंगी’
अक्सर रोहिणी आचार्या के सोशल मीडिया पोस्ट वायरल रहते हैं। कई बार उनकी भाषा को लेकर विवाद भी होते हैं। लेकिन रोहिणी को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। रोहिणी का कहना है कि मेरे लिए मेरा परिवार सबकुछ है। मेरे परिवार पर विरोधी जैसा बोलेंगे, उन्हें उसी भाषा में जवाब दूंगी।