पटना। बिहार की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजद विधायक और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री आलोक मेहता के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई बैंक लोन घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
यह छापेमारी पटना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और कोलकाता समेत 16 जगहों पर की जा रही है। पटना में आलोक मेहता के सरकारी आवास पर भी ईडी की टीम मौजूद है। बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच ईडी अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, यह मामला वैशाली शहरी कॉरपोरेशन बैंक से जुड़े करीब 85 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले का है। आरोप है कि बैंक में फर्जी तरीके से लोन अकाउंट खोलकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया। इस मामले में बैंक के प्रमोटर, चेयरमैन, सीएमडी, सीईओ सहित कई अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
बताया जा रहा है कि आलोक मेहता इस बैंक के प्रमोटर रहे हैं, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। ईडी की टीम आलोक मेहता और उनसे जुड़ी कंपनियों के वित्तीय लेन-देन की गहन जांच कर रही है।
आलोक मेहता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता हैं और उजियारपुर इलाके से उनका गहरा जुड़ाव रहा है। महागठबंधन सरकार में वे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं।