प्रवर्तन निदेशालय (ED), पटना ने बिहार की तत्कालीन उच्च शिक्षा उपनिदेशक विभा कुमारी के आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 2.50 करोड़ (लगभग) रुपये की अचल और चल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। अचल संपत्तियां उनके नाम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत हैं और पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर और दिल्ली में स्थित हैं।
ईडी की जांच से पता चला कि अपनी सेवा अवधि के दौरान, विभा कुमारी ने अपने, अपने पति, अपने बेटे और एक दूर के रिश्तेदार के नाम पर 6 अचल संपत्तियों, 7 वाहनों और बड़ी संख्या में फिक्स्ड डिपॉजिट हासिल करने के लिए अपराध की आय (पीओसी) का इस्तेमाल किया। उसी अवधि के दौरान, उन्होंने अपने पति के पैतृक गांव में एक आलीशान घर बनाने के लिए पीओसी का उपयोग किया। ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि, विभा कुमारी ने अपने वास्तविक स्वामित्व को छिपाने के लिए अपने दूर के रिश्तेदार के नाम पर वाहन हासिल किया है। आगे की जांच जारी है।
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बता दें कि दो साल पहले विभा कुमारी के विरुद्ध सरकारी पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी। जांच में आय से करीब 52 प्रतिशत अधिक संपत्ति मिली है, जो करीब एक करोड़ 88 लाख 23 हजार 900 रुपये है। अब दो साल बाद ईडी ने कार्रवाई करते हुए विभा कुमारी की चल और अचल संपत्ति को जब्त कर लिया है।
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साल 1993 में बिहार शिक्षा सेवा में शामिल हुई विभा कुमारी बीपीएससी की 37वीं परीक्षा से पास होकर आई थी। अपने सर्विस के दौरान शुरुआत से ही उनका आचरण और कामकाज विवादित बना रहा और कई तरह के आरोप उन पर लगते रहे।