नेताओं को राजनीति से फुर्सत मिलती है तो धार्मिक बातों की ओर उनका ध्यान मुड़ जाता है। बिहार के शिक्षामंत्री डॉ. चंद्रशेखर अपने विभाग को लेकर अपने पांच माह के कार्यकाल में भले ही खास नहीं कर सके हों, अपने बयानों और कारनामों से सबको अपनी ओर खींच ही लेते हैं। डॉ. चंद्रशेखर का ताजा बयान रामचरितमानस को लेकर है। उन्हें रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ लगता है।
उपेन्द्र कुशवाहा के अरमानों पर नीतीश ने फेर दिया पानी
रामचरितमानस की चौपाई से शिक्षामंत्री को दिक्कत
शिक्षामंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों ने समाज में जातिवाद का जहर फैलाया है। उनका कहना है कि एक युग में मनुस्मृति ने जहर फैलाया। उसके बाद रामचरित मानस ने जहर फैलाया। इसके बाद गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स ने यही काम किया। शिक्षा मंत्री को रामचरित मानस की एक चौपाई से दिक्कत है जो निम्नलिखित है।
अधम जाति में विद्या पाए
भयहु यथा अहि दूध पिलाए
मोहब्बत बनाएगा देश को महान
डॉ. चंद्रशेखर ने आगे कहा कि नफरत देश को महान नहीं बनाएगा। जब भी देश महान बनेगा, मोहब्बत ही बनाएगा। शिक्षामंत्री का रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान आया है। उन्होंने कहा कि समाज में नफरत मनुस्मृति, रामचरितमानस और गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स से पैदा होती है। यही कारण है कि लोगों ने मनुस्मृति को जलाने का काम किया। मनुस्मृति में एक बड़ा तबका 85 प्रतिशत लोगों के खिलाफ अनेकों गालियां दी गयी है। डॉ. चंद्रशेखर मधेपुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। वे यादव जाति से आते हैं।