बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर जमकर सियासत हो रही है। भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा रखा है। कोई शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को मानसिक रूप से बीमार बता रहा है। कोई उनके मानसिक इलाज के लिए पैसे देने की बात भी कह रहा है। वही कोई उन्हें अज्ञानी बता रहा है।इसके साथ ही सभी एक सुर से शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर भी करा हैं। वहीं भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने शिक्षा मंत्री पर हमला करने का नया तरीका खोज लिया है। उन्होंने शिक्षा मंत्री की जाति को लेकर सवाल खड़ा किया है। मतलब रामचरितमानस पर दिए बयान से शुरू हुआ विवाद शिक्षा मंत्री के जाति तक पहुंच गया है।
शिक्षा मंत्री के बयान पर सियासत तेज, शुरू हुआ बयानबाजियों का दौर
“महाबोगस और महाझूठा शिक्षा मंत्री“
भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें शिक्षा मंत्री ये कहते नजर आ रहे हैं कि वो अपने नाम के आगे या पीछे कुछ भी नहीं लगेते हैं सिर्फ चंद्रशेखर लिखते हैं। कई लोग उनसे उनकी जाति पूछते थे। जिस पर वो कहते थे कि जैसा प्रभु ने सुंदर बनाया है और जिस रूप में आप देखते हो वो कम है क्या जो जाति बताऊँ? सीधे तौर पर समझे तो वो ये कहना चाह रहे कि वो जातिवाद को बढ़ावा नहीं देते हैं।
इस वीडियो के साथ निखिल आनंद ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का एक पुराना चुनवी पर्चा भी ट्वीट किया है जिसमें उनके नाम के साथ ‘यादव’ भी लिखा हुआ है। जिसे लेकर निखिल आनंद ने लिखा कि बिहार के शिक्षा मंत्री महाबोगस ही नहीं महाझूठा आदमी हैं। आत्ममुग्धता भरा प्रवचन सुनिए, “सिर्फ चंद्रशेखर लिखते हैं, नाम के आगे-पीछे कुछ नहीं लिखते” यानी जाति से ऊपर उठ गए है। पर चुनावी पर्चा में ‘यादव’ लिखकर वोट मांगते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि काम करो। बकवास बंद करो। छात्र- युवाओं को बेवकूफ मत बनाओ।