शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। के.के. पाठक ने शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव के कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दिया है। पूरा मामला तब शुरू हुआ जब आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव ने पीत पत्र भेजकर के.के. पाठक की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। जिसके जवाब में के. के. पाठक ने पीतपत्र लिखकर आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव के कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दिया। मामला काफी ज्यादा खींचता जा रहा है। विपक्ष भी सरकार पर तरह-तरह के सवाल खड़ा कर रही है। इसको लेकर जब शिक्षा मंत्री से पूछा गया तो वो सवालों से बचते नजर आए। साथ ही सबकुछ ‘ऑल इज वेल’ होने का दावा भी कर रहे हैं।
के. के. पाठक VS शिक्षा मंत्री: शिक्षा विभाग के सवालों पर घिरी बिहार सरकार, BJP हमलावर
“कोई विवाद नहीं है”
दरअसल, मीडियाकर्मियों ने शिक्षा विभाग के विवाद से जुड़ा सवाल शिक्षा मंत्री से पूछा। जिसके में जवाब में उन्होंने कहा कि किसी तरह का कोई भी विवाद नहीं है। सभी चीजों की अभी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम अपने काम में लगे हुए हैं। आप्त सचिव को क्या कहा गया है इस बात को अभी देखा जा रहा है। वही जब उनसे पूछा गया कि अपर मुख्य सचिव बड़े हैं या शिक्षा मंत्री? इसको लेकर उन्होंने कहा कि सबको पता है कि संविधान में कौन बड़ा है इसलिए इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। मैं अभी सब चीजों को देख रहा हूँ उसके बाद ही कुछ कहूँगा। वही भाजपा द्वारा शिक्षा विभाग पर उठाए जा रहे सवाल पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा का कम ही आरोप लगाना उन्हें अपने काम पर लगे रहने दे, मैं अपना काम कर रहा हूँ।