बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम जोरों पर है। राज्य सरकार ने जुलाई 2025 तक यह काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत राज्य के हर गांव में जमीन का नक्शा बनाया जाएगा और जमीनी रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में अपडेट किया जाएगा।
क्यों है यह परियोजना महत्वपूर्ण?
- जमीनी विवादों में कमी: सही और सटीक जमीनी रिकॉर्ड होने से जमीनी विवादों में कमी आएगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड: डिजिटल रिकॉर्ड होने से जमीनी रिकॉर्ड में बदलाव करना आसान होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
- भूमि अधिग्रहण में आसानी: भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी और आसान हो जाएगी।
- खरीद-बिक्री में सुविधा: जमीन के सभी कागजात अपडेट होने से जमीन की खरीद-बिक्री आसान हो जाएगी।
- कृषि और अन्य योजनाओं का लाभ: सही आंकड़ों के आधार पर किसानों को कृषि, सिंचाई और अन्य योजनाओं का लाभ सही ढंग से मिलेगा।
कैसे किया जा रहा है सर्वेक्षण?
- ग्राम सभाएं: सबसे पहले, प्रत्येक पंचायत में ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दी जा रही है।
- किश्तवार का काम: इसके बाद, किश्तवार के तहत जमीन का नक्शा बनाया जाएगा।
- अमीन, कानूनगो और शिविर प्रभारी: सर्वेक्षण के लिए अमीन, कानूनगो और शिविर प्रभारी को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- नियुक्तियां: सर्वेक्षण के लिए 9888 अमीन और कानूनगो सहित अन्य पदों पर नियुक्तियां की गई हैं।
यह परियोजना बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य में जमीनी रिकॉर्ड को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी और कई समस्याओं का समाधान होगा। आइए उम्मीद करते हैं कि यह परियोजना समय पर पूरी हो और राज्य के लोगों को इसका लाभ मिले।
Slide Anything shortcode error: A valid ID has not been provided