बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है। बिजली दर में बढ़ोतरी की याचिका को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने मंजूरी दे दी है। आयोग के सदस्य अरुण कुमार सिन्हा और परशुराम सिंह यादव ने बिजली कंपनी की याचिका पर सुनवाई की। अब बिजली कंपनी ने 1 अप्रैल से दरों में 4.38 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दे दिया है। आयोग ने कंपनी को 25 दिसंबर तक बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को सार्वजनिक करने के लिए कहा है। इस याचिका पर 15 जनवरी तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।
19 जनवरी से होगी जनसुनवाई
आम लोग विनियामक आयोग के कार्यालय आकर, ई-मेल या रजिस्टर्ड डाक से अपना सुझाव दे सकेंगे। 19 जनवरी से मामले की जनसुनवाई होगी। उत्तर बिहार के शहर मोतिहारी एवं पूर्णिया और दक्षिण बिहार में बिहारशरीफ एवं सासाराम में जनसुनवाई होनी है। एक फरवरी को ट्रांसमिशन कंपनी, दो फरवरी को नॉर्थ एवं साउथ बिहार डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की याचिका पर पटना में जनसुनवाई की जाएगी। मार्च के तीसरे सप्ताह तक फैसला आने की संभावना है।
नुकसान का दावा कर रही कंपनी
कंपनी ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 34862 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। वर्तमान बिजली दर से कंपनी को 34266 करोड़ की आमदनी होगी। इस तरह 595 करोड़ 79 करोड़ का अंतर रहेगा। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 में 441 करोड़ 18 लाख का अंतर होगा। इस तरह कुल 1036 करोड़ 97 लाख का नुकसान हो जाएगा, जिसकी भरपाई के लिए बिजली दरों में 3.03 प्रतिशत की वृद्धि जरूरी है, लेकिन कंपनी ने एसएस (बिना मीटर वाले) को छोड़कर बाकी में फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी नहीं की और बिजली दर में 4.38 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।
वर्तमान बिजली दर (प्रति यूनिट रुपये में)
ग्रामीण घरेलू
यूनिट-रुपये
0-50 2.60
51-100 2.90
100 यूनिट से अधिक 3.15
शहरी घरेलू
0-100-4.27
101-200-5.12
201 से अधिक 6.22