बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र को छपरा के एमपी एमएलए कोर्ट ने 32 साल पुराने मामले में दोषी पाया है। रविंद्र नाथ मिश्र पर आरोप है कि 27 फरवरी 1990 को विधानसभा चुनाव के मतदान के दिन मांझी प्रखंड के डुमरी गांव स्थित मतदान केंद्र संख्या 175-176 पर बूथ लूटने की मंशा से फायरिंग की गई। इसमें चांद दियर गांव के उमा बिन की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसी मामले में न्यायाधीश सह एडीजे तृतीय नलिन कुमार पांडेय ने पूर्व मंत्री को दोषी करार दिया है।
जेल भेजे गए पूर्व मंत्री
दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्रा को पूर्व मंत्री को भादवि की धारा 302, 171 (1), 126(2) में दोषी पाया है। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। हालांकि इस मामले में पूर्व मंत्री के भाई हरेंद्र मिरा को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। मामले की अगली तारीख 21 फरवरी को है, जिसमें पूर्व मंत्री को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में पीठासीन अधिकारी प्रणय मल्लिक और पोलिंग एजेंट महेश यादव ने मांझी थाने में केस कराया था। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रविन्द्र नाथ मिश्र और उनके छोटे भाई हरेंद्र मिश्र समेत पर हत्या का आरोप लगाया गया था।
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे मिश्र
रविंद्र नाथ मिश्रा वर्ष 2000 में मांझी विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए थे और राबड़ी देवी की सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बने थे। अब 21 फरवरी को उनकी सजा तय होगी।