तमिलनाडु में बिहारी और दूसरे हिन्दीभाषियों के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले में बिहार सरकार की टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है कि वहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। तो सवाल उठता है कि आखिर वायरल वीडियो थे कैसे और कहां के? तो इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है कि झूठे मामले को भड़काने और इसे हकीकत का रंग देने के लिए फर्जी वीडियो बनाया गया था। यह फर्जी वीडियो बिहार की राजधानी पटना में ही शूट किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वीडियो पटना के जक्कनपुर मोहल्ले के बंगाली टोला में एक किराए के मकान में 6 मार्च को शूट किया गया था।
मनीष कश्यप पर कसा शिकंजा
यूट्यूब पर वीडियो बनाने वाला मनीष कश्यप इस मामले में सबसे अधिक सुर्खियों में है। पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि मनीष कश्यप की इस मामले में बड़ी भूमिका उजागर हुई है। मनीष कश्यप के विरुद्ध पहले से भी इस प्रकार के कांड दर्ज हैं। उसके खिलाफ कुल 7 मामले पूर्व से दर्ज हैं। मनीष कश्यप पर पुलवामा की घटना के बाद पटना के लहासा मार्केट में कश्मीरी दुकानदारों की पिटाई का भी आरोप है। उसमें उनकी गिरफ्तारी हुई थी। वह पहले भी कई बार गलत और भड़काऊ पोस्ट कर चुका है।
30 वीडियो चिन्हित
पुलिस के अनुसार अभी तक कुल 30 वीडियो चिन्हित किए गए हैं, जिनकी जांच चल रही है। इसके अलावा तमिलनाडु कांड में अभी तक 26 ट्विटर और फेसबुक अकाउंट को बिहार पुलिस द्वारा चिन्हित किया गया है। जबकि 42 सोशल मीडिया अकाउंट्स भी पुलिस के निशाने पर हैं। उनके संचालकों को नोटिस दिया गया है कि उन्होंने जो पोस्ट डाला है उसके साक्ष्य प्रस्तुत करें। एडीजी ने बताया “इस मामले में तमिलनाडु पुलिस द्वारा फर्जी वीडियो बनाने और वायरल करने के आरोप में 13 कांड दर्ज किए गए हैं। उनकी छानबीन की जा रही है। तमिलनाडु पुलिस की टीम बिहार आकर अनुसंधान कर रही है। तमिलनाडु पुलिस यूपी, एमपी, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में जाकर भी छानबीन करेगी।”
गोपालगंज से एक युवक गिरफ्तार
तमिलनाडु मामले में अफवाह फैलानेवाले एक युवक को गोपालगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, दो अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार युवक का नाम उमेश महतो है, जो माधोपुर ओपी के माधोपुर गांव का रहनेवाला है। एसपी स्वर्ण प्रभात ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि माधोपुर गांव के रहनेवाले रविंद्र महतो की 7 मार्च को बैंगलुरू में ट्रेन से कटकर मौत हो गयी थी। जिसके बारे में ऐसी अफवाह फैलाई जा रही थी कि मजदुर की तमिलनाडु में हत्या की गयी है। एसपी ने जांच के बाद इस पूरे मामले को अफवाह बताया और कर्नाटक के बैंगलुरू में ट्रेन से कटकर मौत होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने वाले अन्य लोगों के विरुद्ध पुलिस की कार्रवाई जारी है। वहीं, मजदूर की मौत के बाद से परिजनों में कोहराम मचा है। पीड़ित परिजनों ने जिला प्रशासन से बैंगलुरु से शव घर मंगाने की गुहार लगायी है।