बिहार के कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति विकट बनी हुई है। कोसी, गंगा और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे तटीय इलाकों के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
मुंगेर और भागलपुर में गंगा का प्रकोप: गंगा नदी ने मुंगेर और भागलपुर शहर के आसपास के इलाकों में अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। भागलपुर में बूढ़ानाथ मंदिर पार्किंग क्षेत्र, सबौर, कहलगांव और नवगछिया में मुख्य सड़कों तक पानी पहुंच गया है।
कोसी का कहर: कोसी नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण, कोसी क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। शुक्रवार को तटबंध के अंदर के 12 पंचायतों के लगभग तीन दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। नवहट्टा प्रखंड के कैदली, हाटी, बकुनिया, नौला, सतौर और डरहार पंचायतों में स्थिति गंभीर है।
पश्चिमी कोसी तटबंध: पश्चिमी कोसी तटबंध के अंतिम मुहाने पर स्थित ग्राम पंचायत झारा में बाढ़ का सबसे बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। झारा, सोरवा सिसौना, टिकोलवा सहित ग्राम पंचायत घोंघेपुर के चौरा, बेलडावर और अन्य गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।
कटिहार में स्थिति: कटिहार के अमदाबाद प्रखंड की दक्षिणी करीमुल्लापुर पंचायत के जिलेबी टोला गांव के कई परिवारों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। झब्बू टोला, घेरा गांव, कीर्ति टोला, मेघु टोला जैसे कई अन्य गांव भी बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ा: मुंगेर में गंगा का जलस्तर शनिवार की शाम वार्निंग लेवल 38.33 मीटर को पार कर गया। इसके कारण एक दर्जन से अधिक गांव और टोले बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। दियारा क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ खेत भी बाढ़ के पानी से डूब गए हैं। सदर प्रखंड की तीन पंचायतें जाफरनगर, कुतलुपुर और टीकारापुर पं