बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण कई जिले इसकी चपेट में हैं। नालंदा के जिरायन का तटबंध टूटने से अस्थावां के अंदी गांव के खेत जलमग्न हो गए हैं। 500 बीघे में लगी खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
हरनौत के पोवारी के पास पंचाने नदी के तेज बहाव के कारण तटबंध में कटाव हो गया। हालांकि, सूचना के बाद बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा टूटे तटबंध की मरम्मत करायी गयी है। इससे खेतों में लगीं फसलें डूबने से बच गयी।
मसौढ़ी में लगातार हो रही बारिश की वजह से दरधा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। नदी के पानी का दबाव तटबंध के ऊपर पड़ रहा है। हालांकि धनरूआ प्रखंड के सभी तटबंध रविवार की शाम तक सुरक्षित थे, लेकिन प्रखंड के सेवदहा व बहोरीचक के बीच तटबंध से पानी का रिसाव शुरू हो गया था।
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भागलपुर में भी गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। सबौर इलाके में पानी का दबाव इतना बढ़ा कि एक दिन पहले एनएच 80 का दुरुस्त कराया गया डाइवर्जन फिर बह गया। कहलगांव-पीरपैंती के तौफिल दियारा में पानी नए इलाकों में भर रहा है और लोगों की परेशानी बढ़ रही है।
बाढ़ से प्रभावित लोगों को खाने-पीने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और उनके घरों को भी नुकसान पहुंचा है। सरकार को बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करनी चाहिए