खबर बेतिया से है जहां सांसद संजय जायसवाल और नौतन विधायक नारायण साह द्वारा दिये जाने वाले सूखे राशन को ग्रामीणों ने लेने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों ने सांसद-विधायक पर गंभीर आरोप लगाये हैं। दरअसल, बेतिया सांसद संजय जयसवाल व नौतन विधायक नारायण प्रसाद द्वारा बाढ़ पीड़ितों के बीच शुक्रवार को डुमरिया ढाला के पास चंपारण तटबंध पर सूखा राशन वितरण करने आए प्रतिनिधियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
लोगों ने इस राशन को लेने से इनकार कर दिया तथा राशन की गाड़ी को लौटा दिया। लोगों का कहना है कि पांच रोज से हम लोगों के घर में पानी घुसा है। घर का सारा सामान पानी में भीग गया है और हम लोगों को खाने पीने का लाला पड़ा हुआ है। हमारे सगे-संबंधियों के यहां से खाना बनाकर आ रहा है तो हम खा रहे हैं। 5 दिन बाद सांसद व विधायक खानापूर्ति के लिए 2 किलो चूड़ा और आधा किलो गुड़ भेज कर हमें चिढ़ा रहे हैं। घर में 10- 10 लोग हैं। ऊपर से पहले आधार कार्ड दिखाओ। जिस थैली में राशन भेजा गया है उस पर पार्टी का प्रचार किया जा रहा है। फोटो लगाकर अपनी तस्वीर चमकाई जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि इनके द्वारा बाढ़ का स्थायी निदान हमारे लिए कभी नहीं किया गया। हमारी सारी फसलें नुकसान हो गई। घर का सारा समान भीग गया। पानी के कारण घर गिर रहे हैं और हम लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं। लेकिन उनके द्वारा एक तिरपाल की व्यवस्था नहीं हो रही है, जिसे टांग कर हम यहां रह सकें। 2 किलो चिउड़ा से क्या होगा। लोगों ने कहा कि संसद व विधायक को यहां नाव की व्यवस्था करनी चाहिए, सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए, तिरपाल की व्यवस्था करनी चाहिए लेकिन इनके द्वारा ये सब कुछ नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि गंडक बराज से छोड़े गए पानी ने बैरिया प्रखंड में तबाही मचा दिया है। बैरिया के कई गांव बाढ़ की चपेट में है। लोग चंपारण तटबंध पर शरण लेकर गुजर बसर कर रहे हैं। बाढ़ ने इतनी तबाही मचा दी है कि घर में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ बाढ़ पीड़ित रात में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। बाढ़ पीड़ित स्थाई निदान चाहते हैं।
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