बिहार परिवहन विभाग ने सड़क किनारे बने स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के पास छात्रों और राहगीरों की सुरक्षा के लिए फुटओवर ब्रिज और अंडरपास बनाने का फैसला किया है। विभाग ने हाल ही में समीक्षा बैठक में पाया कि इन जगहों पर सड़क दुर्घटनाएं होने का खतरा अधिक होता है।
इस योजना के तहत, विभाग ने सभी जिलों से उन स्थानों की रिपोर्ट मांगी है जहां स्कूल, कॉलेज और अस्पताल हैं, लेकिन वहां सड़क पार करने के लिए कोई सुरक्षित व्यवस्था नहीं है। इन सभी जगहों पर फुटओवर ब्रिज और अंडरपास बनाए जाएंगे। विभाग ने जिलों से एक महीने के अंदर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।
संकेत चिन्हों का भी होगा प्रावधान:
परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्कूलों, अस्पतालों और बसावटों के पास सड़क पर यातायात संकेत चिह्न लगाने का भी निर्देश दिया है। यह चिन्ह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), पथ निर्माण विभाग (PWD) और ग्रामीण कार्य विभाग (RWD) द्वारा लगाए जाएंगे।
यह पहल सराहनीय है और उम्मीद है कि इससे सड़क किनारे बने स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के पास छात्रों और राहगीरों की सुरक्षा में सुधार होगा।
क्या होगा फायदा
- सड़क दुर्घटनाओं में कमी: फुटओवर ब्रिज और अंडरपास छात्रों और राहगीरों को सड़क पार करने का एक सुरक्षित तरीका प्रदान करेंगे, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।
- छात्रों और राहगीरों की सुरक्षा: यह पहल स्कूल जाने वाले बच्चों, कॉलेज के छात्रों और अस्पताल जाने वाले मरीजों सहित पैदल चलने वालों की सुरक्षा को बेहतर बनाएगी।
- यातायात व्यवस्था में सुधार: फुटओवर ब्रिज और अंडरपास सड़कों पर यातायात प्रवाह को सुचारू बनाने में मदद करेंगे, जिससे जाम कम होगा और यात्रा का समय कम होगा।