बिहार में अपराधी ठगी करने के नए-नए तरीके अपनाए हुए है। ताजा मामला पटना के कंकडबाग के पत्रकारनगर थाना क्षेत्र का है जहां अपराधी ने भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर ठगी कर रहा था। पुलिस को देखते ही दोनों ठग भागने लगा, जिसे पुलिस ने फ़ौरन ही दबोचा। गिरफ्तार हुए 5 साइबर ठगों के पास से ठगी के दौरान उपयोग किए जाने वाले कई उपकरणो के साथ-साथ कई दस्तावेज को भी बरामद किया। यह गिरोह पटना में बैठकर देश भर के लोगों के साथ ठगी कर रहा था। पुलिस ने नालंदा के सारे थाना क्षेत्र के गौतम कुमार, भरत कुमार, अस्थावां के आकाश सिन्हा उर्फ छोटू, शेखपुरा के बरबिगहा के राजीव रंजन और पटना सिटी के मालसलामी के आकाश कुमार को गिरफ्तार किया है।
दरअसल दो अपराधी पत्रकान नगर थाना क्षेत्र के रोड नंबर 14 में रोड की ओर जाने वाली गली में पुलिस को देखकर संदिग्ध हालत में भागने लगे। भागते दोनों ठग गौतम कुमार और भरत कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वही छानबीन के दौरान पुलिस ने ठगों के पास से ठगी के दौरान उपयोग किए जाने वाले कई उपकरणों के साथ-साथ कई दस्तावेज को भी बरामद किया। इस मामले में पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों साइबर ठगों से गहन पूछताछ के दौरान उनके गिरोह के तीन अन्य सदस्यों के पास से ठगी में प्रयोग किये जाने वाले मोबाईल फोन, लौपटॉप और कई दस्तावेज में संचित आँकड़ों में प्रतिदिन लाखों के लेन-देन के डाटा रिकॉर्ड को पाया है।
धानी फाइनांस के नाम पर ठगी
साथ ही गिरफ्तार दोनों साइबर ठगों से गहन पूछताछ में यह जानकारी मिली कि वे लोग धानी फाइनांस के नाम पर ( जिसमें क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के फोटो का लोगों फर्जी तरीके से लगा होता है) फर्जीवाडा करता था। मोबाईल फोन ,लौपटॉप और इन्टरनेट के माध्यम से देश के विभिन्न प्रान्तों के विभिन्न शहरों के लोगों का नाम पता मोबाईल नम्बर, ईमेल आई डी आदि प्राप्त कर उन्हें तरह-तरह के लोन देता था। पर्सनल लोन, होम लोन, इंटरेस्ट लोन, बिजनेस लोन आदि बेहद आसान शर्तों पर बैठे-बैठे लेने के लिए मैसेज / मेल / वाटसेप मैसेज / कॉल के द्वारा फँसाते। तथा लोन देने के लिए प्रोसेसिंग फिस, इन्श्योरेन्स, जी०एस०टी० आदि के नाम पर पैसे ठग कर अपने अकाउंट में मंगवाता। लोन देने के बदले इस गिरोह के वह अपना सीम कार्ड बदल लेते हैं और उन्हे कभी लोन नहीं मिलता है।
दो फ़्लैट में रह कर करता था ठगी
एसएसपी बताते है कि इन साइबर ठगों ने खेमनीचक में एक मकान में दो फ्लैट लेकर अपना साईबर ठगी का फर्जी ऑफिस गुप्त रूप से खोल रखा था। एसएसपी ने बताया कि इन्हीं दोनों फ्लैट में बंद कमरों से वे लोग कॉल कर या अन्य माध्यम से ग्राहकों को फसाने का कार्य करते हैं। सभी का काम बटा हुआ है, कोई इटरनेट से मोबाईल नम्बर पर कॉल कर लोगों से साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया करते थे।