अब बिहार से उत्तर प्रदेश और झारखंड का सफर आसान होगा। बिहार सरकार दोनों राज्यों से परिवहिन व्यवस्था और बेहतर बनाएगी। इसके लिए चयनित मार्गों पर नयी बसें चलाने की योजना है। इन दोनों राज्यों के 15 मार्गों पर बसें दौड़ेंगी। बसों के परिचालन के लिए बिहार से यूपी के लिए 5 मार्गों पर जबकि झारखंड के 10 मार्गों का चयन किया गया है।
झारखंड के लिए
पटना-रांची 06
पटना-टाटा 06
पटना-हजारीबाग 06
नवादा-हजारीबाग 06
पटना-डाल्टेनगंज 06
गया-हजारीबाग 06
गया-रांची 06
नवादा-रांची 06
नवादा-गिरीडीह 06
सीतामढ़ी-टाटा 06
राज्य सरकार ने पिछले दिनों यूपी और झारखंड के शहरों को जोड़ने के लिए और बसें चलाने की योजना को हरी झंडी दी है। इसके बाद पथ परिवहन निगम ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। निगम के अनुसार यूपी के लिए 15 बसें चलेंगी जबकि झारखंड के लिए 60 बसों के परिचालन की योजना है। हालांकि भविष्य में अन्य मार्गों पर भी जरूरत के अनुसार बसों के परिचालन की योजना है।
यूपी के लिए मार्ग
सीवान- गोरखपुर 02
रक्सौल- गोपालगंज-गोरखपुर 03
रक्सौल- मोतिहारी-गोरखपुर 03
छपरा-गोरखपुर 05
मोतिहारी-गोरखपुर 02
पिछले दिनों सर्वे में यह बात सामने आयी है कि इन अंतर्राज्यीय मार्गों पर बसों की आवश्यकता बढ़ी है। उनकी मांग है। क्योंकि इन रूटों पर यातायात का दबाव काफी बढ़ गया है। यही नहीं यात्रियों की संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी भी हुई है। लेकिन, इन मार्गों पर आवश्यकतानुसार बसें नहीं चल रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने दोनों राज्यों के लिए बसों के परिचालन का फैसला किया है। इन रूटों में दोनों राज्यों के कई और जिले, कस्बे और ग्रामीण इलाके भी सीधे जुड़ेंगे।
सूबे में 120 मार्गों पर चलेंगी बसें
वहीं राज्य के अंदर 120 मार्गों पर नयी बस चलाने की योजना है। इन मार्गों पर 376 बसों की आवश्यकता बतायी गयी है। ये सारे मार्ग राज्य के अंदर के हैं और कई जिलों को जोड़ते हैं। यही नहीं इसमें लगभग सारे प्रमुख शहरों को अन्य शहरों या जिला मुख्यालय से जोड़ने की योजना है। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण छोटे शहर भी हैं, जहां बसों के परिचालन की जरूरत महसूस की गयी थी। पिछले दिनों राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में बसों के परिचालन को लेकर आम लोगों की जरूरतों का आकलन किया था।