बिहार में जहरीली शराब के तांडव ने 45 जानें ले ली हैं। विपक्ष के दल हंगामा कर रहे हैं। तो सरकार ने थानेदार और चौकीदार को निलंबित कर कह दिया है कि जो पिएगा वो मरेगा। पीने वालों के मरने की भविष्यवाणी खुद सीएम नीतीश कुमार ने कर दी है। विपक्ष इस बयान पर सीएम नीतीश को घेर रहा है। लेकिन भावी PM नीतीश कुमार को बचाने में भावी CM तेजस्वी यादव ने पूरा जोर लगा दिया है।
सारण शराबकांड पर छिड़ी सियासी जंग में PK की एंट्री, निशाने पर नीतीश, BJP और RJD
भाजपा शासित राज्यों में जहरीली शराब से तुलना
सीएम नीतीश कुमार कई बार तेजस्वी यादव को भावी CM बता चुके हैं। जब भी तेजस्वी को नीतीश भावी सीएम बताते हैं तो उनके लिए भावी PM वाला परसेप्शन तेजस्वी दिखा देते हैं। लेकिन दोनों की इस खुशफहमी को जहरीली शराब की नजर लग गई है। सारण में 45 लोगों की जान जाने के बाद जब भाजपा ने भावी PM सीएम नीतीश का इस्तीफा मांगा तो मौजूदा डिप्टी सीएम व भावी CM तेजस्वी यादव भाजपा शासित राज्यों का आंकड़ा रख रहे हैं।
4 सालों के रिकॉर्ड से तुलना
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शराबबंदी पर कहा कि गलत काम का गलत नतीजा होता है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मसले पर पूरी तरह गंभीर है। अपनी सरकार की फेस सेविंग कोशिश के बाद तेजस्वी ने भाजपा पर निशाना साधा। तेजस्वी यादव ने कहा कि सबसे अधिक जहरीली शराब से मौत भाजपा शासित राज्यों में हुई है। पिछले चार सालों में बिहार से ज्यादा मौतें गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा में हुई है। तब, उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस्तीफा क्यों नहीं मांगा गया? यही नहीं तेजस्वी विपक्ष के रवैए को भी खराब बताया।
MP है टॉप राज्य
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार बीते 5 सालों में नकली शराब से सबसे ज्यादा मौत मध्य प्रदेश में हुई है। MP में पांच सालों में 1,214 लोगों की मौत हुई थी। जबकि कर्नाटक में 909, पंजाब में 725, गुजरात में 50 और बिहार में पांच साल में 21 लोगों की मौत नकली शराब पीने से हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश में नकली शराब से 5 सालों में 291 लोगों की मौत हुई है।
शराब पीने से मौत
- 2016 : 961
- 2017 : 1,354
- 2018 : 1,352
- 2019 : 1,264
- 2020 : 893