जनसंख्या नियंत्रण को लेकर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर से बयान दिया है। गिरिराज अक्सर ही जनसंख्या नियंत्रण के लिए दिए गए बयानों के कारण ख़बरों में रहते हैं। आज यानी 11 जुलाई को तो विश्व जनसंख्या दिवस है तो भला गिरिराज कोई बयान न दे ऐसा कैसे हो सकता। गिरिराज ने केंद्र सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की माँग की है।
देश का माहौल बिगड़ रहा
विश्व दिवस पर बयान देते हुए गिरिराज ने कहा कि 10 बच्चे पैदा करने वाले बगैर कानून के नहीं मानेंगे। देश के विकास में जनसंख्या बाधक बन रही है और सामाजिक समरसता भी खत्म हो रही है। देश का माहौल बिगड़ रहा है, इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी हो जाता है। गिरिराज के इस बयान को अल्पसंख्यकों से जोड़ कर देखा जा रहा है।
बढ़ती आबादी दीमक की तरह है
गिरिराज सिंह ने ट्विट में लिखा- ‘बढ़ती आबादी भारत के संसाधनों, सामाजिक समरसता और विकास को दीमक की तरह खा रही है। जरूरत है ऐसे जनसंख्या नियंत्रण कानून की जो सभी धर्मों पर समान रूप से लागू हो और 8-8/10-10 बच्चे पैदा करने वाली विकृत मानसिकता पर भी अंकुश लगे।’
नीरज सिंह बबलू का अल्पसंख्यकों पर निशाना
मीडिया से बात करते हुए नीरज ने कहा कि जनसंख्या में वृद्धि नहीं बल्कि विस्फोट हुआ है। हिंदुस्तान में खासतौर पर बिहार में अररिया और किशनगंज के इलाके में नर्क जैसी स्थिति बनी हुई है। हर जगह आदमी ही आदमी है। एनडीए की सरकार लगातार विकास का काम कर रही है। लेकिन, जिस तरीके से जनसंख्या बढ़ रहा है, उस हिसाब से विकास का काम भी कम पड़ रहा है। जब तक हर धर्म पर जनसँख्या कानून लागू नहीं होगा, लोगों को विकास का फायदा नहीं मिल पाएगा। उनका ये बयान अल्पसंख्यकों से जोड़ कर देखा जा रहा है क्योंकि अररिया और किशनगंज मुस्लिम बाहुल्य जिला है।