पश्चिम बंगाल के सियालदह कोलकाता से सात माह की बच्ची को चुराकर बेचने की तैयारी कर रहे परिवार को सोनो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। त्वरित कार्रवाई करते हुए जमुई पुलिस ने चोरी की गई बच्ची को सोनो थाना क्षेत्र के बाबूडीह पंचायत के मड़वाटांड से सकुशल बरामद किया। इस मामले में एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति नंदकिशोर दास है, जो सोनो थाना क्षेत्र के लखनकियारी रविदास टोला का निवासी है। बच्ची चोरी कांड का मुख्य आरोपी और नंदकिशोर का पुत्र, सुरेश दास उर्फ देबू, फरार हो गया है।
बता दें कि सियालदह के मुचीपारा थाने में बच्ची की चोरी का मामला 20 मई को दर्ज किया गया था। मामले की जांच के लिए कोलकाता पुलिस की टीम बुधवार को सोनो थाना पहुंची थी। उनके साथ बच्ची की मां भी थी। सोनो थाना में आवश्यक कार्रवाई के बाद सोनो पुलिस ने कोलकाता पुलिस को बरामद बच्ची और गिरफ्तार आरोपी को सुपुर्द कर दिया।
घटना का विवरण
झाझा एसडीपीओ के अनुसार सुरेश दास और उसके पिता नंदकिशोर दास सियालदह, कोलकाता में मजदूरी और मोची का काम करते थे। 19 मई की रात दोनों ने मिलकर फुटपाथ पर सोई एक महिला की सात माह की बच्ची को चुरा लिया। बच्ची को कोलकाता में बेचने का प्रयास विफल होने के बाद, वे बच्ची को बिहार ले आए। सुरेश ने बच्ची को बाबूडीह पंचायत के मड़वाटांड स्थित अपने मामा परमेश्वर दास के घर पर छिपा दिया और वहां बच्ची को छह हजार रुपये में बेचने का सौदा कर रहा था। लेकिन चौकीदार इंद्रदेव पासवान को इसकी भनक लग गई और उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्ची को बरामद कर लिया।
मुख्य आरोपी सुरेश दास उर्फ देबू अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। पुलिस सुरेश के आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है। कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य स्रोतों से सुरेश की पहचान की। सुरेश को पकड़ने के लिए कोलकाता पुलिस की टीम सोनो पहुंची। सुरेश के पड़ोसियों के अनुसार, उसकी छवि ठीक नहीं है और वह पहले भी चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है। सुरेश और उसके पिता दोनों का आपराधिक इतिहास रहा है।
मां और बच्ची का मिलन
बच्ची को बरामद कर जब मां को सौंपा गया, तो मां ने उसे कलेजे से लगा लिया और रो पड़ी। बच्ची ने मां की गोद पहचानते ही चैन की नींद सो ली। बच्ची की मां बेहद गरीब परिवार से है और पति की बीमारी के कारण कोलकाता आई थी। बच्ची के मिलने की खुशी मां के चेहरे पर साफ झलक रही थी।