बिहार के मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम पर कई लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया है। जहां एक चिटफंड कंपनी के निदेशक और उसके दरिंदों पर कई मासूम लड़कियों को जाल में फांसने और उनका यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। इन सभी लड़कियों को नौकरी देने के नाम पर फंसाया जाता फिर इन्हें बंधक बनाकर रेप किया गया। विरोध करने पर सिगरेट से भी जलाया जाता था इस मामले का खुलासा तब हुआ तब आरोपियों के चंगुल से बचकर कोर्ट पहुंची एक पीड़िता ने बताया। युवती ने प्रार्थना पत्र देकर घटना की जानकारी दी, जिसके बाद कोर्ट ने फर्जी कंपनी के मालिकों के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा। केस दर्ज होने के बाद आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
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50 हजार देने का वादा
पीड़िता ने बताया कि 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को खासतौर पर फर्जी कंपनी( DVR) में नौकरी देने के नाम पर फंसाया जाता है औऱ उन्हें 50 हजार रुपये तक सैलरी का लालच दिया जाता है और वहां उनका शोषण किया जाता है, जिसका वीडियो भी बनाया जाता है।तस्वीर में छेड़छाड़ कर उसे इंटरनेट मीडिया पर डालने की बात बताकर ब्लैकमेल भी किया जाता था। लड़कियों को आपस में बात करने की इजाजत नहीं होती। पीड़िता ने बताया कि विरोध करने पर भाई की हत्या और अपहरण तक की धमकी दी जाती है। उन्हें नशा कराया जाता है।
फिलहाल नेटवर्किंग कंपनी में नौकरी देने का झांसा देकर किशोरियों और युवतियों के साथ मारपीट कर यौन शोषण के मामले में पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। छपरा के मसरख थाना क्षेत्र की युवती के परिवाद पर FIR दर्ज की गई है। प्राथमिकी में सुपौल के मो. इरफान, सिवान के तिलक सिंह, पूर्णिया के अहमद रजा, गोपालगंज के हरेराम राम, यूपी नोएडा के मनीष सिन्हा, मोतिहारी के एनामुल अंसारी समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है. इन सभी के मोबाइल का डिटेल निकाला जा रहा है।