बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, सभी नियमित कर्मचारियों के साथ-साथ संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का वेतन और मानदेय हर महीने के पहले आठ कार्य दिवसों के भीतर अनिवार्य रूप से भुगतान किया जाना चाहिए।
शिकायतों पर कार्रवाई:
सरकार को कर्मचारियों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि उनका वेतन कई महीनों तक बिना किसी उचित कारण के रोका जा रहा है। इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए सरकार ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वेतन भुगतान में किसी भी तरह की देरी के लिए संबंधित पदाधिकारी और आउटसोर्सिंग एजेंसी जिम्मेदार होगी। देरी के लिए जुर्माना और विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है।
आवंटन की कमी:
कई बार वेतन भुगतान में देरी का कारण आवंटन की कमी होती है। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारियों को समय रहते ही विभागीय बजट शाखा से आवंटन की मांग करनी होगी ताकि वेतन भुगतान में किसी प्रकार की बाधा न आए।
स्वास्थ्य विभाग में स्थिति:
स्वास्थ्य विभाग में भी यह समस्या गंभीर रूप से देखी जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों और एएनएम स्वास्थ्यकर्मियों को लगभग पांच महीने से मानदेय नहीं मिला है। एंबुलेंस चालक और ईएमटी भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं।
कर्मचारियों की चिंता:
कर्मचारियों को इस बात की चिंता है कि वेतन भुगतान में देरी के कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, वे इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि आउटसोर्सिंग एजेंसी उनका मानदेय लेकर फरार न हो जाए।