[Team Insider]: गोपालगंज सिविल कोर्ट के चर्चित अधिवक्ता राजेश पांडेय की गोलियों से भूनकर हत्या मामले में पुलिस ने सुपारी किलर और सुपारी देने वाले भू-माफिया को पुख्ता साक्ष्य के साथ गिरफ्तार किया है। इन दोनों के पास से हत्या में प्रत्युक्त पिस्टल, चार कारसूत और बाइक बरामद की गई है।
सुपारी किलर ने तीन साथियों के साथ मिलकर की थी वारदात
एसपी आनंद कुमार ने शुक्रवार शाम बताया कि कुचायकोट थाना क्षेत्र के कुचायकोट निवासी भू-माफिया और रघुवंश गुप्ता गुप्ता के पुत्र राघव गुप्ता उर्फ वैध ने अधिवक्ता राजेश पांडेय की हत्या के लिए दो लाख रुपए में उचकागांव थाना क्षेत्र के उजरा नारायणपुर गांव के अक्षय यादव को सुपारी दी थी अक्षय ने तीन साथियों के साथ मिलकर सात दिसंबर को कुचायकोट से सिविल कोर्ट जाने के दौरान पोखरभिंडा के पास गोलियों से भूनकर वकील की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद दोनों अपराधियों के कुचायकोट में पहुंचने की सूचना मिली थी। सदर एसडीपीओ संजीव के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया और इलाके की घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
जमीन विवाद में कराई हत्या
एसपी ने कहा कि हत्याकांड में जमीन विवाद सामने आया है। कुचायकोट निवासी दिलीप सिन्हा की छह कट्ठा 18 धुर जमीन की रजिस्ट्री सिविल कोर्ट के अधिवक्ता राजेश कराना चाहते थे, लेकिन भू-माफिया राघव गुप्ता उर्फ वैध ने अधिक कीमत देकर दिलीप से 18 फरवरी 2021 को जमीन की रजिस्ट्री करा ली और 30 लाख रुपए रसीद पर उधार रख दी। जमीन की बिक्री होने के बाद अधिवक्ता और राघव के बीच विवाद हो गया। अधिवक्ता ने राघव पर कुछ जमीन रजिस्ट्री करने के लिए दबाव बनाया, इसको लेकर राघव ने सात दिसंबर को सुपारी देकर अधिवक्ता की हत्या करा दी।
माइस्टरमाइंड ने कबूला जुर्म
एसपी ने बताया कि राघव ने जिससे जमीन की रजिस्ट्री कराई थी, उसका बकाया पैसा 30 लाख रुपए हड़पने के लिए एक और साजिश रची। इसमें सुपारी किलर अक्षय को दो लाख रुपए में एक और सुपारी देकर 29 जनवरी को नगर थाना क्षेत्र के बंजारी मोहल्ले से दिलीप का अपहरण कराते हुए हत्या करा दी। हत्या के बाद सारण के दिघवारा में रेलवे ट्रैक के किनारे डेड बॉडी फेंकवा दी। 48 घंटे के बाद एसआइटी ने मनोज सिंह, लालबाबू साह और आजाद अंसारी को गिरफ्तार किया था। सुपारी देने वाले राघव ने कहा कि काफी तनाव में था। इस वजह से सुपारी देकर हत्या करा दी। आरोपी ने दोनों की हत्या के पीछे जमीन विवाद की वजह बताई। एफवीओ-अधिवक्ता और किसान की हत्या में अभी भी दो अपराधी फरार हैं।