बिहार सरकार गांवों की अनूठी संस्कृति और विरासत को सहेजने के लिए एक नया प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. ग्रामीण पर्यटन सिर्फ घूमने का एक नया तरीका नहीं है, बल्कि ये गांवों के विकास का भी जरिया है। इससे गांव की जीवनशैली, खानपान, कला-संस्कृति और परंपराओं को न सिर्फ सहेजा जाएगा बल्कि उन्हें पर्यटकों के सामने लाया जाएगा।
क्या होगा फायदा?
- स्थानीय कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा: ग्रामीण पर्यटन से लोक कलाकारों, हस्तशिल्पियों को बढ़ावा मिलेगा। उनकी कला और हुनर को पर्यटक देख पाएंगे, जिससे इन कलाओं को संरक्षण भी मिलेगा।
- गांवों में रोजगार के अवसर: पर्यटन से जुड़े होटल, गेस्ट हाउस खुलने से गांवों में ही रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी और उन्हें शहरों की तरफ पलायन नहीं करना पड़ेगा।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती: पर्यटन से होने वाली आमदनी से गांवों का आर्थिक विकास होगा। स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
- बुनियादी ढांचे में सुधार: पर्यटन के विकास के लिए सड़क, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा, जिसका फायदा गांव वालों को भी मिलेगा।
सरकार देगी अनुदान
राज्य सरकार ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनुदान भी देगी। पर्यटन नीति में प्रावधान किया गया है कि जो लोग ग्रामीण इलाकों में पर्यटन से जुड़े कारोबार शुरू करेंगे, उन्हें सब्सिडी दी जाएगी।
गेस्ट हाउस और होमस्टे को बढ़ावा
पर्यटकों के रहने की व्यवस्था के लिए गांवों में गेस्ट हाउस खोले जाएंगे। साथ ही, पहले से चलाई जा रही होमस्टे योजना को ग्रामीण इलाकों में भी लागू किया जाएगा। इसके तहत ग्रामीण अपने घरों में ही पर्यटकों को रहने की सुविधा दे सकेंगे।
खेतों में भी पर्यटन गतिविधियां
पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का पूरा अनुभव कराने के लिए कृषि भूमि पर भी कुछ खास गतिविधियां कराई जा सकेंगी। उदाहरण के लिए, पर्यटक खेती-बाड़ी सीख सकेंगे, हस्तशिल्प बनाना सीख सकेंगे या फिर पशुओं को पालने का अनुभव ले सकेंगे।
ग्रामीण पर्यटन के आंकड़े उत्साहजनक
एक शोध के मुताबिक, भारत में ग्रामीण पर्यटन उद्योग 2022 से 2030 के बीच 11.4% की दर से बढ़ने का अनुमान है। बिहार सरकार की इस पहल से न सिर्फ गांवों की खूबसूरती दुनिया के सामने आएगी बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।