बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मंगलवार को मोतिहारी शहर के महात्मा गांधी सभागार में आयोजित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षारंभ समारोह में शामिल हुए। जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रिटिश काल से आ रहे शिक्षा नीति ने हमें इस कदर मानसिक तौर पर गुलाम बना दिया था कि युवक पढ़ाई करने के बाद नौकरी मांगने जाते थे पर 2020 में जो नई शिक्षा नीति आई है उससे युवक अब नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि देश को अब सोने की चिड़िया नहीं बनाना है बल्कि सोने का शेर बनाना है जो दहड़ेगा तो पूरा विश्व सुनेगा। हमें नहीं पता कि भारत कभी सोने की चिड़िया था या नहीं। आज फिर लोग कहते हैं कि हम इसे सोने की चिड़िया बनाएंगे, लेकिन हम ऐसा नहीं मानते, हम चाहते हैं कि भारत सोने का शेर बने, हम ऐसा इसलिए चाहते हैं ताकि इस पर कोई बुरी नजर न डाल सके।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि युवा विद्यार्थी देश को तैयार करते हैं। यह कार्यक्रम दीक्षारंभ समारोह के रूप में आयोजित किया गया है। वैसे तो शिक्षा कभी समाप्त नहीं होती, हम जीवन भर सीखते रहते हैं। आज जो शपथ ली गई है, उसे अगर हम सब अपना लें तो हमें किसी और चीज की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये चार साल की पढ़ाई आपका भविष्य तय करेगी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना कौन पूरा करेगा? यह आप युवा साथियों के सहयोग से पूरा होगा। इसकी तैयारियों में जुट जाइए। यह अमृत काल चल रहा है। आप सभी अमृत पीकर 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना पूरा करेंगे। जब देश आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब आपका योगदान महत्वपूर्ण होगा।
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केवल किताबी शिक्षा पर ना ध्यान दे छात्र
वहीं कार्यक्रम में सांसद राधा मोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं होना चाहिए, उन्हें सामाजिक ज्ञान भी होना चाहिए। विश्वविद्यालय लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह हमारा सौभाग्य है। इस विश्वविद्यालय के छात्र लगातार यहां अध्ययन कर रहे हैं और देश-दुनिया में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। इसके लिए मैं विश्वविद्यालय परिवार को धन्यवाद देता हूं। छात्र लगातार यहां शोध करने आ रहे हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।