हाजीपुर जिला प्रशासन ने बैंकों की कथित मनमानी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत आवेदित ऋणों को बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर अस्वीकृत किए जाने के मामले सामने आए हैं।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभार्थियों को बैंकों द्वारा हो रही परेशानी पर जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इस समस्या के निदान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
बैंकों की मनमानी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है जो अस्वीकृत ऋण आवेदनों की गहन समीक्षा करेगी। इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने एक विशेष शिविर आयोजित करने का आदेश दिया है जहां प्रभावित आवेदक अपनी समस्याओं को सीधे अधिकारियों के समक्ष रख सकेंगे।
बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे अस्वीकृत आवेदनों के कारणों का स्पष्टीकरण दें और यदि आवश्यक हो तो पुनर्विचार करें। साथ ही, बैंकों को चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में इस तरह की शिकायतें मिलती हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी सरकारी योजना के लाभ उठाने के लिए बिचौलिये की आवश्यकता नहीं है। यदि कोई भी व्यक्ति इस तरह के दबाव में आता है तो वह तुरंत जिला प्रशासन से संपर्क करे।
इस मुद्दे पर जिलाधिकारी ने कहा, “हमारे जिले के विकास के लिए बैंकों की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन, यह सहभागिता जनता के हित में होनी चाहिए, न कि बैंकों के स्वार्थ में। हम किसी भी स्थिति में आम जनता को परेशान नहीं होने देंगे।”
हाजीपुर जिला प्रशासन की यह पहल स्थानीय लोगों के बीच सकारात्मक संदेश दे रही है। उम्मीद है कि इस कदम से बैंक अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी को अधिक गंभीरता से लेंगे और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहेंगे