शुक्रवार को उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान समीर कुमार ने कहा कि बिहार में कला की कोई कमी नहीं है। आज के युवा काफी प्रतिभाशाली हैं। बिहार के हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
65 युवाओं को सर्टिफिकेट दिया गया
वही संस्थान के निदेशक आलोक कुमार उद्योग मंत्री का स्वागत किया और उन्हें बताया कि संस्थान पिछले 67 वर्षों से बिहार के हस्तशिल्प और शिल्पियों की बेहतरी के लिए कार्यरत है। संस्थान में 17 विधाओं में हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले 14 विधाओं में प्रशिक्षण दिया जाता था। इसी बीच कार्यक्रम के दौरान जनवरी से जून तक चलने वाले प्रशिक्षण में 65 युवाओं को उद्योग मंत्री द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया।
बिहार के कला के चर्चे विदेश में भी है
इसी बीच उद्योग मंत्री को संस्थान के एक्टिविटी के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही परिसर का भ्रमण कराया गया जहां उन्हें संस्थान में बन रहे नए भवनों के बारे में जानकारी दी। सर्टिफिकेट देने के बाद उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने कहा कि बिहार में कला की कोई कमी नहीं है। यहां के कलाकार और उनकी कला को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि आज मधुबनी पेंटिंग को न सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी हर कोई जनता है, उसकी एक अलग पहचान है। इसी तरह बाकी चित्रकला और हस्तशिल्प को भी हमें विदेश तक पहुंचना है।
कला के जरिए जीवन में नई पहचान को विकसित करनी चाहिए
प्रशिक्षण लिए हुए युवाओं को शुभकामना देते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि उपेन्द्र महारथी संस्थान द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण में हर युवा को सिखनी चाहिए और अपने जीवन में एक नई पहचान को विकसित करनी चाहिए। लुप्त हो रही हमारी परंपरा को बचाए रखना और उसका प्रचार प्रसार करना हमारी और आपकी नैतिक जिम्मेदारी है। इस मौके पर पटना आर्ट्स एंड क्राफ्ट कॉलेज के प्रिन्सपल डॉ. अजय कुमार पांडे, हस्तशिल्प ट्रेनिंग के प्रशिक्षक, सभी प्रशिक्षु और संस्थान के कर्मी मौजूद रहे।