भाजपा और जदयू दो ऐसे दल हैं जो वर्षों तक साथ रहे। जदयू ने पहली बार 2014 में साथ छोड़ दिया लेकिन 2017 में फिर से दोस्ती हो गई। वर्ष 2022 से दोनों पार्टियों ने एकबार फिर से एक-दूसरे की खिलाफत का रास्ता अख्तियार कर लिया है। दोनों दूर जरुर है लेकिन एक कड़ी ऐसी है दोनों के बीच, जिसको लेकर सवाल उठते रहते हैं। वो कड़ी कोई और नहीं बल्कि जदयू के राज्यसभा सांसद व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह है। उनके भाजपा के साथ बेहतर रिश्तों की चर्चाएँ होती रहती है।
नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात की खबरें भी पिछले दिनों खूब सुर्ख़ियों में रही। नीतीश कुमार पर उनके कई विरोधी ये आरोप लगाते रहते हैं कि हरिवंश नारायण सिंह के जरिए वो भाजपा से संपर्क साधे हुए हैं। लेकिन इनसब के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, हरिवंश नारायण सिंह पर भड़के हुए हैं। ललन सिंह ने कई गंभीर आरोप भी हरिवंश नारायण सिंह पर लगाया है।
ललन ने हरिवंश पर लगाया गंभीर आरोप
आज मीडियाकर्मियों से बात करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अपनी ही पार्टी के नेता और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह पर जमकर बरसे। ललन सिंह ने कहा कि ‘9 अगस्त 2022 के बाद जब से हमलोग एनडीए से अलग हुए तब से आज तक हरिवंश जी पार्टी की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए। जदयू के संसदीय दल की बैठक में भी वो शामिल नहीं होते हैं। संसद का सत्र जब भी चलता है हमारी पार्टी हर बुधवार को बैठक करती हैं उसमें भी वो नहीं आते हैं।’ ललन सिंह ने आगे कहा कि ‘ ऐसा हो सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जदयू की बैठक में शामिल होने से मना किया हो।
हालांकि ये भी सत्य है कि हरिवंश जी को उपसभापति भाजपा ने नहीं बनाया है। क्योंकि भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। कई क्षेत्रीय पार्टी के वोट के बल पर वो उपसभापति बने। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं को फोन करके हरिवंश जी के लिए वोट मांगा था।’ हालांकि जब ललन सिंह से ये पूछा गया कि क्या ये मान लिया जाए कि हरिवंश नारायण सिंह जदयू से बाहर हैं? इसका जवाब देते हुए ललन सिंह ने कहा कि ये बात उन्ही से पूछना चाहिए, टेक्निकली वो अभी जदयू से बाहर नहीं जा सकते हैं।’
संगठन में हरिवंश को कोई पद नहीं
बता दें कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इनदिनों जदयू को संगठन स्तर पर और मजबूत बनने के लिए एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। जदयू बिहार में अपनी पार्टी में सैकड़ों उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव बना चुकी है। कुछ दिनों पहले जदयू ने एक राजनीतिक सलाहकार समिति बनाया था। जिसमें 300 लोगों को शामिल किया गया था। कल ही 98 नेताओं की राष्ट्रीय कार्य समिति बनाई गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जदयू के सारे मंत्री और जेडीयू के तमाम सांसदों का नाम भी शामिल है। कुछ पूर्व विधायकों को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। लेकिन जदयू की किस भी लिस्ट में हरिवंश नारायण सिंह का नाम नहीं है।