पटना पुस्तक मेला में शनिवार, 14 दिसंबर को राज्यसभा के उपसभापति और वरिष्ठ लेखक – पत्रकार हरिवंश के 10 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। प्रकाशन संस्थान द्वारा आयोजित इस लोकार्पण समारोह में हरिवंश भी मौजूद रहे। ये सभी पुस्तकें समय के सवाल श्रृंखला में प्रकाशित हुई हैं।
पुस्तकों का नाम
1. झारखंड: सम्पन्न धरती, उदास वसंत
2. झारखंड: चुनौती भी, अवसर भी
3. राष्ट्रीय चरित्र का आइना
4. पतन की होड़
5. भविष्य का भारत
6. सरोकार और संवाद
7. अतीत के पन्ने
8. ऊर्जा के उत्स
9. सफर के शेष
10. बिहार: सपना और सच
इस दौरान हरिवंश ने कहा कि यह क्षण मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस श्रृंखला के प्रकाशन की योजना हरीश चंद्र शर्मा जी के कारण बनी। कई लोगों की सक्रिय साझेदारी के कारण यह संकलन संभव हो सका।
पूर्व मुख्य सचिव वीएस दूबे ने कहा कि जो पुस्तकें यहां प्रस्तुत हैं, उसमें मेरी सहभागिता भी रही हैं। हरिवंश जी सिर्फ पत्रकार नहीं बल्कि मनीषी हैं। पुस्तकों का रिप्लेसमेंट मोबाइल नहीं हो सकता। रीडिंग की आदत खत्म हुई तो हम भी खत्म हो जाएंगे।
पूर्व पुलिस महानिदेशक डीएन गौतम ने कहा कि ये पुस्तकें नहीं दस्तावेज हैं और सालों बाद इनका महत्व और होगा। ये पुस्तकें लोकतांत्रिक इतिहास का संचयन हैं।
खुदाबख्श लाइब्रेरी के पूर्व निदेशक डॉ इम्तियाज अहमद ने कहा कि एक ही लेखक की 10 पुस्तकें एक साथ लोकार्पण हों, तो यह भी एक इतिहास है।
वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ने कहा कि हरिवंश जी का चिंतन व्यापक है। 1977 से 2017 के कालखंड की यह पुस्तकें हैं और यह महत्वपूर्ण भी है। ये सारी पुस्तकें इतिहास से संवाद कराएंगी।
इस दौरान चंदन तिवारी ने बिहार की गौरवशाली कविताएं (बिहारनामा) का गायन किया। लोकार्पण समारोह में बिहार म्यूजियम के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा, सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह, हरीश चंद्र शर्मा, सांस्कृतिकर्मी विनय कुमार आदि मौजूद रहे।