बिहार में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच वज्रपात की चपेट में आने से नौ लोगों की मौत हो गई है। कैमूर जिले में वज्रपात की चपेट में आने से पांच लोगों की जान चली गई। वहीं, सासाराम में तीन और औरंगाबाद में एक व्यक्ति की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हो गई।
इसके अलावा, आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के झुलसने की भी सूचना मिली है। वज्रपात की चपेट में आए ये सभी लोग बारिश के दौरान खेत में रोपनी और मवेशी चरा रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात की इस घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिए जाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें।
मृतकों की पहचान
कैमूर जिले के मृतकों में भगवानपुर थाना क्षेत्र के जैतपुर खुर्द निवासी 30 वर्षीय रामनिवास बिंद, नुआंव थाना के अवंती गांव के सागरपर टोला निवासी 45 वर्षीय सुग्रीव पाल और हरहिरपुर डेरा के 53 वर्षीय शिवजी बिंद, रामगढ़ थाना के सिझुआं की 14 वर्षीय सीतामुनि, बेलांव थाना के सोनांव के 16 वर्षीय आशीष कुमार शामिल हैं।
वहीं, औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के कजपा गांव में खेलने के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से बुटानी पासवान के 14 वर्षीय पुत्र अंकित कुमार की मौत हो गई। रोहतास जिले के चेनारी नगर पंचायत के वार्ड नौ, सितौड़ा मोड़ के समीप 35 वर्षीय भगवान प्रजापति, सेमरा ओपी के खरवथ गांव में नोखा थाना के हसनाडीह निवासी राममूरत राम की पत्नी 35 वर्षीया कुंती देवी और करगहर प्रखंड के खोणेयां गांव के बधार में ललन यादव की 55 वर्षीया पत्नी झूनी देवी भी वज्रपात की चपेट में आ गईं।
नदियों का उफान और बचाव अभियान
नेपाल सहित बिहार में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफनाने लगी हैं। पश्चिम चंपारण जिले के बगहा के करीब 60 लोग गंडक नदी में अचानक पानी बढ़ जाने के कारण पूरी रात दियारा में फंसे रहे। ये सभी लोग शनिवार सुबह वहां काम करने गए थे। लोगों ने किसी तरह रात गुजारी।
रविवार को सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम ने पहुंचकर 40 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। शेष 20 मजदूर सुरक्षित जगह पर हैं। सोमवार को उन्हें वापस लाया जाएगा। इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए जनता को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना अति आवश्यक है।