शराबबंदी कानून को लेकर पटना हाईकोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि शराबबंदी कानून को लागू करने में सरकार पूरी तरह फेल हो गयी है। बिहार में अपराध बढ़ता जा रहा है। वही युवा पीढ़ी भी बर्बादी की राह पर पहुंच गई है। यह टिप्पणी पटना हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने दी। जिसके बाद इसे चीफ जस्टिस की बेंच में रेफर कर दिया है।
सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
दरअसल पटना हाईकोर्ट में बुधवार को जस्टिस पूर्णेंदु की सिंगल बेंच ने शराबबंदी से जुड़े लंबित मामले में जमानत अर्जियों पर रिपोर्ट की मांग की थी। यह रिपोर्ट गृह विभाग, पुलिस, परिवहन समेत अन्य विभाग के रिपोर्ट को देखते हुए हाईकोर्ट बेहद सख्त हो गई। जस्टिस पूर्णेंदु ने कहा कि बिहार में शराबंदी के कारण ने तरह के अपराधिक मामले बढ़ते जा रहे है। जिससे समाज पर बुरा असर पड़ रहा है।
बिहार में युवा का अपराधिक मामला अधिक
जस्टिस ने 20 पन्नों के फैसलों में कहा कि राज्य सरकार शराबबंदी कानून को सही मायने में लागू करने में फैल हो गई है। क्योंकि शराबबंदी कानून को लगो नहीं होने पर शराब माफिया को पुलिस और राजनितिक लोगों का साथ मिल रहा है। हाकोर्ट ने बताया कि बिहार में युवा बर्बाद हो रहे है। जिसका कारण है शराबबंदी हैं। चूकिं शराब मामले में 18 वर्ष से 25 वर्ष के युवा जेल गए है। शराब डिलेवरी में अक्सर नाबालिंग लडको को भेजा जाता है। साथ ही शराब में फसें किशोरों के अनगिनत जमानत के मामले भी सामने आए है। इन सभी बातों के साथ कोर्ट ने और भी अधिक मामले पर टिप्पणी दी।
पर्यावरण पर भी भारी असर
सिंगल खंडपीठ में जहरीले शराब का भी जिक्र हुआ जिससे पर्यावरण को भरी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहरीले शराब से लोगों की मौ’त हो रही है। वही दूसरी और भरी मात्रा में बरामद शराब को नष्ट करने से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।