वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकते हैं। इस कहावत को सच माने तो लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की पशुपति पारस का एक साथ NDA में होने की बात हजम नहीं होती है। लेकिन ये तो सच है कि दोनों NDA का हिस्सा बन गए हैं। अब इसके बाद इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के भविष्य को लेकर तरह-तरह की संभावनाएं दिख रही हैं।
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एक होंगे चाचा और चिराग?
पहली संभावना ये है कि चाचा पारस और चिराग सारे गीले-सिकवे को भूल कर एक हो जाए। NDA की बैठक में जिस तरह चिराग अपने चाचा पारस से मिले उसको लेकर भी खुब चर्चाएँ हो रही है। मुलाकात के बाद चिराग और पारस दोनों के तेवर थोड़े ढीले पड़े हैं। चिराग ने तो यहां तक कह दिया है कि ये हमारे राजनीतिक नहीं पारिवारिक लड़ाई है, साथ आना है या नहीं इसपर फैसला चाचा को करना है। इस बयान से ऐसा लग रहा जैसे चिराग तो तैयार है लेकिन चाचा पारस पशोपेंच में हैं। दोनों एक होंगे या नहीं ये तो आने वाला समय बताएगा लेकिन अगर दोनों एक नहीं होते हैं तो कई और संभावनाएं बनाने तय है।
NDA में आकार बढ़ी चिराग की अहमियत
दरअसल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग ने जब से अपनी पार्टी को NDA का हिस्सा बनाया है, तभी से उनकी अहमियत और बढ़ गई है। चाचा पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसदों में भी खलबली मची हुई है। खलबली की वजह है लोकसभा सीट का टिकट। रालोजपा के सांसद इस समय पशोपेंच में है कि चिराग और पारस दोनों की पार्टी NDA का हिस्सा है , तो उनकी लोकसभा सीट का टिकट दोनों में से किस पार्टी को मिलेगा। हालांकि मौजूदा स्थितियों में चिराग का पलड़ा भारी दिख रहा है। जिस कारण रालोजपा के सांसद तबड़तोड़ चिराग पासवान से मुलाकात कर रहे हैं।
RLJP में हो सकती है टूट
NDA में शामिल होने के पहले भी चिराग पासवान कई बार ये दावा कर चुके हैं कि रालोजप के कई संसद उनके संपर्क में हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह चिराग को तरजीह दि है, वो भी बहुत कुछ बयां करता है। इससे ये तो साफ है कि भाजपा भले सांसदों की संख्या के आधार पर पशुपति पारस को पहले गले लगाया था। लेकिन अब उसे भी ये समझ में पारस की तुलना में चिराग की छवि का बड़ा फायदा मिलेगा। ऐसे में चिराग उन सीटों की मांग को भी माना जा सकता है जिसपर अभी रालोजपा के सांसद हैं। इस बातों को रालोजापा के सांसद भी भली भाँती समझ रहे हैं। यही कारण हैं कि रालोजापा के दो सांसद बार-बार चिराग पासवान से मुलाकात कर रहे हैं। जिसके बाद से रालाजोपा में टूट के आसार दिख रहे हैं।
RLJP के सांसदों को अपने टिकट की चिंता
रालोजापा के दो सांसद वीणा देवी और महबूब अली कैसर लगातार चिराग पासवान से मुलाकात कर रहे हैं। बता दें कि वीणा देवी वैशाली से और महबूब अली कैसर खगड़िया से रालोजापा के सांसद हैं। ऐसी खबरें हैं कि चिराग पासवान ने भाजपा के सामने 6 लोकसभा सीट और 1 राज्यसभा सीट की मांग रखी है। जिसमें वैशाली और खगड़िया लोकसभा सीट भी शामिल है। यही कारण है कि दोनों सांसदों को अपने टिकट की चिंता सता रही है। माना जा रहा है कि दोनों बार-बार टिकट के सिलसिले में बात करने के लिए ही चिराग पासवान से मिल रहे हैं।
वीणा देवी और महबूब अली कैसर के मन क्या है?
रालोजापा की सांसद वीणा देवी पिछले तीन महीने में चार बार चिराग पसवान से मिल चुकी हैं। वहीं रालोजापा के दूसरे सांसद महबूब अली कैसर भी कई बार चिराग पसवान से मिल चुके है। ईद के मौके पर भी उन्होंने चिराग पासवान को दावत दि थी। महबूब अली कैसर चिराग से अपनी मुलाकात पर बिना हिचकिचाहट के खुल कर बोलते भी हैं। एन दोनों की चिराग से बढ़ती नजदीकियां भी बहुत कुछ बयां करती है। वही चिराग खुद हाजीपुर से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दि है जहां से अभी पशुपति पारस सांसद है। ये देखना खास होगा की दोनों के बीच नजदीकियां बढेगी या खटास ।