बिहार सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मलेरिया समेत 33 बीमारियों की रिपोर्टिंग व्यवस्था को दुरुस्त करने का फैसला किया है। अब सभी सरकारी और निजी रजिस्टर्ड अस्पतालों को इन 33 बीमारियों की रिपोर्टिंग रीयल टाइम में करनी होगी।
आइएचआइपी पोर्टल पर होगी रिपोर्टिंग
अस्पतालों द्वारा यह रिपोर्टिंग इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आइएचआइपी) पोर्टल पर करनी होगी। इस पोर्टल तक राज्य और केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों की पहुंच होगी। इससे स्वास्थ्य विभाग को बीमारी फैलने की स्थिति पर तुरंत नजर रखने में मदद मिलेगी।
बीमारियों की रोकथाम में होगा लाभकारी
रीयल टाइम डेटा मिलने से अधिकारी बीमारियों की पहचान जल्द कर सकेंगे और रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई कर सकेंगे। यह कदम राज्य में बीमारियों की रोकथाम की दिशा में क्रांतिकारी साबित हो सकता है।
पहली बार मलेरिया को किया गया शामिल
आइएचआइपी पोर्टल में अब तक 33 संक्रामक बीमारियों की रिपोर्टिंग हो रही थी। पहली बार इसमें मलेरिया को भी शामिल किया गया है। पहले सिर्फ सरकारी अस्पताल महीने में एक बार इन बीमारियों की रिपोर्ट देते थे, लेकिन अब सभी रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों को भी रोजाना रिपोर्ट देनी होगी।
बैठक में हुई व्यवस्था को और मजबूत बनाने की चर्चा
आरएचओ कार्यालय में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में इस रिपोर्टिंग व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी मलेरिया डॉ अशोक कुमार और रीजनल हेल्थ ऑफिस (आरएचओ) के सीनियर रीजनल निदेशक डॉ कैलाश कुमार मौजूद थे। डॉ अशोक कुमार ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी जिलों से समय पर सही आंकड़ों वाली रिपोर्ट मिले। उन्होंने जिला सर्विलांस पदाधिकारी (डीएसओ) को भी आपसी तालमेल बनाकर काम करने के निर्देश दिए।
आइएचआइपी पोर्टल का दायरा बढ़ाया गया
स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी 2022 में आइएचआइपी पोर्टल पर काम शुरू किया था। जुलाई 2022 से अब तक सिर्फ सरकारी अस्पताल ही 33 संक्रामक बीमारियों के साथ कोरोना, सर्पदंश और कुत्ते काटने की घटनाओं की जानकारी रोजाना देते थे। अब इस दायरे को बढ़ाते हुए रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों को भी शामिल कर लिया गया है। रिपोर्टिंग करने में सहयोग के लिए उपस्वास्थ्य केंद्रों के एएनएम, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन को टैबलेट भी दिए जाएंगे।