पटनाः स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिहार पुलिस मुख्यालय में डीजीपी आर एस भट्टी (DGP RS Bhatti) ने झंडोत्तोलन किया। झंडोत्तोलन के बाद पुलिस अधिकारी समेत सभी लोगों ने राष्ट्रगान गया और राष्ट्रध्वज को सलामी दी। इस दुआरण उन्होंने बिहार पुलिस की उपलब्धियां बताते हुए बिहार पुलिस में महिला पुलिस की भूमिका को भी बताया।
उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस में कार्यरत महिलाओं की संख्या करीब 30 हजार हो गई है, 223 महिला पदाधिकारी राज्य के थानों में थानाध्यक्ष या अपर थानाध्यक्ष के तौर पर पदस्थापित हैं। आने वाले समय में बिहार में लगभग 20 फीसदी महिला पुलिस पदाधिकारी थानाध्यक्ष के रूप में काम करेंगी। इसके साथ ही राज्य के प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना हुई है, जहां महिला पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा सुनवाई से लेकर कार्रवाई तक सुनिश्चित की जा रही है।
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इस दौरान डीजीपी भट्टी ने बिहार पुलिस के द्वारा लोगों की सुरक्षा और बेहतर पुलिसिंग को लेकर किये गए कार्यों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि बिहार पुलिस की सेवा के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों को डेढ़ करोड़ तक की सहायता राशि पुलिस मुख्यालय स्तर से प्रदान की जा सके। डीजीपी ने एक बार फिर राज्य में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की अपनी कटिबद्धता को दोहराया। इस दौरान पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी लॉ एंड आर्डर संजय सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे।
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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैफिक, साइबर और महिला सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। फेसबुक पर 10 प्रतिशत महिलाएं हमसे जुड़ी हुई हैं। सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस 12 लाख फॉलोअर्स के साथ राज्य के सभी सरकारी संस्थानों की तुलना में नंबर 1 पर है। अन्य राज्यों की पुलिस की तुलना में सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स के मामले में बिहार पुलिस देश में 5वें स्थान पर है।
इसके अलावा बिहार में Dial112 के माध्यम से प्रतिदिन 5 हजार लोगों को आपातकालीन सेवाएं मिल रही हैं। प्रतिदिन सेवा देने के मामले में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है। करीब 18 मिनट में जरूरतमंद लोगों को दी जा रही हैं। आपातकालीन सेवाएं, रिस्पॉन्स टाइम के मामले में देश में 7वें स्थान पर है। वर्ष 2024 में डायल 112 के जरिए 15 लाख लोगों को आपातकालीन सेवाएं देने का लक्ष्य है।